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Global Unicorn Index: देश में पहली बार घटी यूनिकॉर्न की संख्या, चार साल में हुई इतनी; पर दुनिया में भारत अब भी...

रिपोर्ट में कहा गया है कि फूड डिलीवरी प्लेटफार्म स्विगी और फैंटेसी स्पो‌र्ट्स पर केंद्रित ड्रीम11 भारत के सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न हैं। इनका वैल्यूएशन आठ अरब डालर है। 7.5 अरब डालर के वैल्यूएशन के साथ रेजरपे दूसरे स्थान पर है। स्विगी और ड्रीम11 जहां वैश्विक स्तर पर तैयार की गई सूची में 83वें स्थान पर हैं वहीं रेजरपे 94वें स्थान पर है।

By Agency Edited By: Praveen Prasad Singh Updated: Wed, 10 Apr 2024 04:39 PM (IST)
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यूनिकार्न की सूची में आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म कृत्रिम का भी नाम है।
पीटीआई, मुंबई। Global Unicorn Index 2024 देश में यूनिकॉर्न (Unicorn) की संख्या चार साल में पहली बार घटकर 67 रह गई है। हालांकि हुरून ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स-2024 के मुताबिक, भारत यूनिकॉर्न के मामले में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर अभी भी कायम है। एडटेक कंपनी बायजूस (Byjus) यूनिकॉर्न के क्लब से बाहर हो गई है। पिछले साल उसका वैल्यूएशन 22 अरब डालर से अधिक था। वर्तमान में इसका मूल्यांकन एक अरब डालर से कम है। बायजूस के मूल्यांकन में दर्ज गिरावट दुनियाभर के किसी भी स्टार्टअप (Startup) के वैल्यूएशन में सबसे ज्यादा है। जिन स्टार्टअप का वैल्यूएशन एक अरब डालर से ज्यादा होता है, उन्हें यूनिकार्न कहा जाता है।

बायजूस के वैल्यूएशन में गिरावट पर टिप्पणी करते हुए हुरून रिपोर्ट के चेयरमैन और मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हुगेवर्फ ने कहा कि कुछ स्टार्टअप की विफलता वास्तव में मीडिया का ध्यान आकर्षित करती है। हालांकि ऐसी कंपनियां अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।

ये हैं भारत के सबसे मूल्‍यवान यूनिकॉर्न

रिपोर्ट में कहा गया है कि फूड डिलीवरी प्लेटफार्म स्विगी और फैंटेसी स्पो‌र्ट्स पर केंद्रित ड्रीम11 भारत के सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न हैं। इनका वैल्यूएशन आठ अरब डालर है। 7.5 अरब डालर के वैल्यूएशन के साथ रेजरपे दूसरे स्थान पर है। स्विगी और ड्रीम11 जहां वैश्विक स्तर पर तैयार की गई सूची में 83वें स्थान पर हैं वहीं रेजरपे 94वें स्थान पर है।

हुरुन इंडिया के मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा कि यूनिकार्न की सूची में आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म कृत्रिम का भी नाम है। हालांकि अमेरिका से 60 एआइ केंद्रित स्टार्टअप और चीन से 37 स्टार्टअप यूनिकार्न क्लब में शामिल हुए हैं। भारतीयों ने देश के बाहर 109 यूनिकार्न शुरू किए जबकि देश के भीतर उनकी संख्या मात्र 67 है।