Wheat Stocks: 16 साल के निचले स्तर पर आया गेहूं का स्टाक, अधिकारी ने बताया किस वजह से आई कमी
सरकार को इस साल किसानों से तीन करोड़ से 3.2 करोड़ टन गेहूं खरीद के अपने लक्ष्य को हरहाल में हासिल करना होगा ताकि अगले सीजन में स्टॉक का स्तर बफर मानक से ऊपर रहे। सरकार ने 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। माना जा रहा है कि आम चुनाव के बाद सरकार शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने पर विचार कर सकती है।
रायटर, नई दिल्ली। सरकारी गोदामों में रखे गए गेहूं का स्टॉक 16 सालों के अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के आंकड़ों पर गौर करें तो अप्रैल की शुरुआत में गेहूं का भंडार कुल 7.5 मिलियन टन (75 लाख टन) था, जो एक साल पहले के 8.35 मिलियन टन (83.5 लाख टन) से कम था। एक अधिकारी ने बताया कि गेहूं के स्टॉक में कमी आई है, क्योंकि मूल्य को स्थिर रखने के लिए एक करोड़ टन गेहूं खुले बाजार में बेचना पड़ा। पिछले एक दशक में, 1 अप्रैल को गेहूं का स्टॉक औसतन 16.7 मिलियन टन था।
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि गेहूं का स्टॉक एक करोड़ टन से नीचे नहीं जाए। मुंबई स्थित एक डीलर ने कहा कि सरकार को इस साल किसानों से तीन करोड़ से 3.2 करोड़ टन गेहूं खरीद के अपने लक्ष्य को हरहाल में हासिल करना होगा ताकि अगले सीजन में स्टॉक का स्तर बफर मानक से ऊपर रहे। सरकार ने 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। माना जा रहा है कि आम चुनाव के बाद सरकार शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने पर विचार कर सकती है।
भारत 2022 और 2023 में अपने गेहूं खरीद लक्ष्य को हासिल करने में विफल रहा था, क्योंकि ज्यादा गर्मी की वजह से फसल का आकार छोटा हो रह गया था। वहीं रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक स्तर पर कमी होने के कारण मांग बढ़ी थी, इसके बावजूद भारत ने 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।