FDI आकर्षित करना जारी रखेगा भारत, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जताया विश्वास
गोयल ने कहा कि भारत का निर्यात भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है चालू वित्त वर्ष में इसके 400 अरब डालर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। 1-21 जुलाई के दौरान 22 अरब डालर का निर्यात हुआ है।
By Ankit KumarEdited By: Updated: Sun, 25 Jul 2021 02:26 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को विश्वास व्यक्त किया कि भारत चालू वित्त वर्ष में भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) को आकर्षित करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक स्तर पर निवेश में कमी आने के बावजूद कोरोना से प्रभावित वर्ष 2020 में अब तक का सबसे अधिक एफडीआइ प्राप्त किया है। 2020-21 में देश में एफडीआइ 19 फीसद बढ़कर 59.63 अरब डालर हो गया।
अगर इसमें सभी तरह का एफडीआइ (इक्विटी, री-इन्वेस्टड अर्निग और कैपिटल) शामिल कर लिया जाए तो 2020-21 के दौरान यह 10 फीसद बढ़कर 81.72 अरब डालर पर पहुंच गया है। जबकि 2019-20 में यह 74.39 अरब डालर था।सीआइआइ-होरासिस इंडिया मीटिंग वेबिनार में गोयल ने कहा, 'हमें पूरा विश्वास है कि इस बार हम सबसे अधिक एफडीआइ हासिल करेंगे।'
उन्होंने कहा कि भारत का निर्यात भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है चालू वित्त वर्ष में इसके 400 अरब डालर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। 1-21 जुलाई के दौरान 22 अरब डालर का निर्यात हुआ है। अगर यही क्रम जारी रहा तो महीने के अंत तक यह आंकड़ा 32-33 अरब डालर पार कर जाएगा। इसका साफ मतलब है कि हम निर्यात के 400 अरब डालर के लक्ष्य को पार कर लेंगे। उन्होंने कहा कि जहां भारत यूके, ईयू, आस्ट्रेलिया, कनाडा और यूएई सहित 16 देशों के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। वहीं जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और आसियान सदस्यों सहित कई देशों के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
25 फीसद टीके नहीं खरीद रहे निजी क्षेत्र
टीकाकरण पर बोलते हुए गोयल ने कहा कि सरकार ने निजी क्षेत्र को 25 फीसद कोरोना टीके खरीदने की अनुमति दी थी, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ना केवल सीआइआइ को पहल करनी चाहिए बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि निजी अस्पताल और समूह 25 फीसद टीके लें। उन्होंने शिकायती लहजे में कहा कि कुछ उद्योग समूह ने कहा था कि वह एक करोड़ टीकाकरण करेंगे, लेकिन कोई भी टीके को लेकर चल रहे भ्रम को दूर करने के लिए बिहार, झारखंड या पूर्वोत्तर के राज्यों में नहीं गया।