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टेलीकॉम, मेटल और माइनिंग सेक्टर में आएगी बहार; सालाना 50 अरब डॉलर का निवेश करेंगी कंपनियां

भारतीय अर्थव्यवस्था काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। पिछले कई तिमाहियों में जीडीपी ग्रोथ 8 फीसदी से अधिक रही है। हालांकि इस रफ्तार को बनाए रखने के लिए खपत रोजगार और निर्यात पर खास फोकस करने की जरूरत होगी। इसमें भारतीय कंपनियों का योगदान काफी अहम रहने वाला है। खासकर रोजगार के मोर्चे पर भारतीय कंपनियों का रोल काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 20 Aug 2024 06:40 PM (IST)
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अगले दो साल में भारत की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। मूडीज रेटिंग ने मंगलवार को कहा कि भारतीय कंपनियां क्षमता बढ़ाने के लिए अगले एक-दो साल में पूंजीगत व्यय के तहत सालाना 45 से 50 अरब डॉलर का निवेश करेंगी। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की इस व्यय में हिस्सेदारी 30 प्रतिशत होगी। मूडीज ने भारत और इंडोनेशिया में सक्रिय कंपनियों के ऊपर जारी एक रिपोर्ट में कहा कि उत्पादन श्रृंखला एकीकरण को बढ़ाने और शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए निवेश किया जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, 'अगले एक से दो साल में रेटिंग वाली भारतीय कंपनियों का सालाना पूंजीगत व्यय लगभग 45 से 50 अरब डॉलर तक रहेगा। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी अकेले 30 प्रतिशत होगी। कंपनी ने विभिन्न कारोबार में निवेश को लेकर लगभग 15 अरब डॉलर का निर्धारण किया हुआ है।' इसके मुताबिक, तेल एवं गैस क्षेत्र और रिलायंस इंडस्ट्रीज मिलकर एक-दो साल में सामूहिक रूप से भारतीय कंपनियों के कुल व्यय का 60 प्रतिशत से अधिक खर्च करेंगी।

मूडीज ने कहा कि अगले दो साल में भारत की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है। भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने में घरेलू मांग की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। मूडीज रेटिंग को उम्मीद है कि अगले एक-दो साल में रेटिंग वाली भारतीय कंपनियों की कमाई पांच प्रतिशत बढ़ेगी। धातु, खनन और इस्पात, दूरसंचार तथा वाहन कंपनियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक वृद्धि से कंपनियों को लाभ होगा।

भारतीय अर्थव्यवस्था काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। पिछले कई तिमाहियों में जीडीपी ग्रोथ 8 फीसदी से अधिक रही है। हालांकि, इस रफ्तार को बनाए रखने के लिए खपत, रोजगार और निर्यात पर खास फोकस करने की जरूरत होगी। इसमें भारतीय कंपनियों का योगदान काफी अहम रहने वाला है। खासकर, रोजगार के मोर्चे पर भारतीय कंपनियों का रोल काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है।

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