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CoinSwitch के CEO ने क्रिप्टो के लिए कानूनों की मांग की, कहा- सरकार को नियम बनाने चाहिए

बीते कुछ समय से दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत चर्चाएं हो रही हैं। भारत में भी क्रिप्टो चर्चाओं का हिस्सा है। ऐसे में अब कॉइनस्विच के सीईओ आशीष सिंघल ने सरकार से क्रिप्टो के लिए नियम बनाने की मांग की है।

By Lakshya KumarEdited By: Updated: Mon, 23 May 2022 02:09 PM (IST)
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CoinSwitch के CEO ने क्रिप्टो के लिए कानूनों की मांग की, कहा- सरकार को नियम बनाने चाहिए
नई दिल्ली, रॉयटर्स। कॉइनस्विच (CoinSwitch) के सीईओ आशीष सिंघल ने कहा कि भारत को नियामक अनिश्चितता दूर करने, निवेशकों की रक्षा करने और अपने क्रिप्टो सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित नियम बनाने चाहिए। कॉइनस्विच के सह-संस्थापक आशीष सिंघल ने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में रॉयटर्स से कहा, "यूजर्स को नहीं पता कि उनकी होल्डिंग्स का क्या होगा, क्या सरकार प्रतिबंध लगाने जा रही है या प्रतिबंध नहीं लगेगा, इसे कैसे विनियमित किया जाएगा?" उन्होंने कहा, "विनियम से शांति और ज्यादा निश्चितता आएगी।"

सिंघल ने कहा कि कराधान और कुछ विज्ञापन नियमों से थोड़ी राहत मिली है, लेकिन बहुत कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत को इससे जुड़े कानून बनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इनमें पहचान सत्यापन और क्रिप्टो परिसंपत्तियों को स्थानांतरित करने के मानदंड शामिल होने चाहिए। एक्सचेंजों के लिए भारत को एक तंत्र स्थापित करना चाहिए, जिसके जरिए लेनदेन को ट्रैक किया जाए सके और जरूरत पड़ने पर किसी भी प्राधिकरण को रिपोर्ट किया जा सके।

भारत में क्रिप्टो एक्सचेंज, फंड ट्रांसफर की अनुमति को लेकर बैंकों के साथ साझेदारी करने के मोर्चे पर संघर्ष कर रहे हैं। सिंघल ने इंटरव्यू में कहा कि कॉइनस्विच ने बैंकिंग भागीदारों के साथ बातचीत करने और उन्हें सहज करने के लिए तथाकथित यूपीआई ट्रांसफर को रोक दिया है। उन्होंने कहा कि कॉइनस्विच, ट्रांसफर सेवा को फिर से शुरू कराने की कोशिश में है और नियामकों के साथ बातचीत जारी है। उन्होंने कहा, "हम नियमों पर जोर दे रहे हैं। सही नियमन के साथ, हम स्पष्टता प्राप्त कर सकते हैं।"

गौरतलब है कि भारत के क्रिप्टो बाजार के आकार पर कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं है लेकिन कॉइनस्विच का अनुमान है कि 'निवेशकों की संख्या 20 मिलियन तक हो सकती है, जिनकी कुल होल्डिंग लगभग 6 बिलियन डॉलर है।' हालांकि, भारत के केंद्रीय बैंक ने निजी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में कई बार "गंभीर चिंता" व्यक्त की है और अब भारतीय रिजर्व बैंक स्वदेशी डिजिटल करेंसी लाने पर काम कर रहा है।