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Indian Rupee History: 16वीं शताब्दी में पहली बार जारी हुआ था रुपया, अब तक कैसा रहा भारतीय करेंसी का सफर

Indian Rupee History भारतीय रुपये का इतिहास करीब पांच शतब्दियों पुराना है। समय के साथ-साथ इसके रूप रंग आदि में बड़ा बदलाव आया है। इस रिपोर्ट में हम रुपये के पहली बार जारी होने से लेकर अब तक की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। (फोटो -जागरण फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Thu, 04 May 2023 09:00 AM (IST)
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Indian Currency: Timeline history How it Evolved From Mughal Era to Present

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज के समय में लेनदेन के लिए रुपये का उपयोग करते हैं, लेकिन कभी न कभी आपने मन में ये विचार जरूर आया होगा कि आखिर भारतीय मुद्रा का नाम रुपया ही क्यों रखा गया। आइए जानते हैं।

'रुपया' शब्द संस्कृत के शब्द रूप्यकम से लिया गया है, जिसका मतलब चांदी के सिक्के से होता है। भारत में पहली बार रुपया शेर शाह सूरी द्वारा जारी किया गया था। आज इसे केंद्रीय बैंक आरबीआई की ओर से जारी किया जाता है। आज हम अपनी इस रिपोर्ट में रुपये की शुरुआत से उसके अब तक के इतिहास के बारे में बताएंगे।

1540-45

पहली बार रुपया चांदी के सिक्के के रूप में शेर शाह सूरी की ओर से जारी किया गया था। इसके बाद मुगल, मराठा और ब्रिटिश दौर में इसका इस्तेमाल ऐसी ही होता रहा।

1770-1832

शुरुआत में कागज का रुपया बैंक ऑफ हिंदुस्तान की ओर से 1770-1832 (जनरल बैंक ऑफ एंड बिहार द्वारा 1773-75 और बंगाल बैंक द्वारा 1784-91) के बीच जारी किया गया।

1 अप्रैल 1935

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई।

जनवरी 1938

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 5 रुपये का पहला नोट इश्यू किया गया।

फरवरी- जून 1938

इस दैरान केंद्रीय बैंक की ओर से 10 रुपये, 100 रुपये, 1000 रुपये और 10,000 रुपये का नोट जारी किया गया।

अगस्त 1940

एक रुपये के नोट को दोबारा से जारी किया गया। पहली बार एक रुपये का नोट 30 नवंबर, 1917 को जारी किया गया था।

मार्च 1943

इस साल दो रुपये का नोट जारी किया गया।

1950

पहली बार आजाद भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से रुपया जारी किया गया।

1953

पहली बार भारतीय मुद्रा में हिंदी में रुपया शब्द अंकित किया गया, जिसे 1954 में बदलकर रुपए कर दिया गया।

1954

अधिक वैल्यू वाले (1,000 रुपये, 5000 रुपये और 10,000 रुपये) नोट जारी किए गए।

1957

एक रुपये को पहली बार 100 पैसों में बांटा गया।

1957-67

इस दौरान एल्यूमीनियम के एक, दो, तीन, पांच और दस पैसे के सिक्के पेश किए गए।

1980

इस साल नए नोट जारी किए गए। एक रुपये के नोट पर ऑयल रिंग, दो रुपये के नोट पर आर्यभट्ट, पांच रुपये के नोट पर कृषि मशीनीकरण, 10 रुपये के नोट पर मोर और 20 रुपये के नोट पर कोणार्क व्हील को अंकित किया है।

अक्टूबर 1987

500 रुपये के नोट को जारी किया गया।

1988

10, 25 और 50 पैसे के स्टेनलेस स्टील के सिक्के पेश किए गए।

1992

स्टेनलेस स्टील में 1 रुपये और 5 रुपये के सिक्के पेश किए गए।

1996

महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ भारतीय नोट जारी किए गए। बता दें, इसमें 10 रुपये से लेकर 500 रुपये के नोट शामिल थे।

2005-08

नए 50 पैसे, एक रुपये, दो रुपये और पांच रुपये के नए सिक्के जारी किए गए।

2009

5 रुपये नोटों की छपाई फिर से शुरू की गई। कुछ समय के लिए इसे बंद कर दिया गया था।

जुलाई 2010

रुपया का नया चिन्ह 'Rs' उपयोग में लाया गया।

2011

इस साल 25 पैसे के सिक्के और उसके नीचे के सभी पैसे के सिक्के का विमुद्रीकरण किया गया। रुपये के नए चिन्ह के साथ 50 पैसे के सिक्के और 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये और 10 रुपये के नोटों की नई सीरीज पेश की गई।

2012

2012 में महात्मा गांधी सीरीज के सभी नोटों (10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 500 रुपये और 1,000 रुपये) के नोट को नए 'Rs' चिन्ह के साथ छापा गया।

नवंबर 2016

500 रुपये और 1000 रुपये के नोट को वापस ले लिए गए। इसके बाद 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए।