महामारी के प्रभाव से अधिक मजबूती से उबरी भारतीय अर्थव्यवस्था: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अहमदाबाद में वर्चुअली तौर पर एक सभा को संबोधित करते हुए यह कहा कि कोविड-19 ने भारत सहित पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है। लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था महामारी के कारण रुकी हुई अर्थव्यवस्था की तुलना में अधिक मजबूती से उबरी है
By Abhishek PoddarEdited By: Updated: Sun, 12 Sep 2021 08:02 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बयान देते हुए यह कहा है कि, "भारत की अर्थव्यवस्था COVID-19 के प्रकोप के कारण हुए प्रभाव की तुलना में अधिक मजबूती से उबर गई है। जब दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं महामारी के दौरान अपना बचाव करने में लगी थीं, तब भारत सुधारों में लगा हुआ था।"
प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को प्रशिक्षण देने के लिए बनाए गए सरदारधाम भवन का उद्घाटन करने के बाद वर्चुअली तौर पर एक सभा को संबोधित करते हुए यह कहा कि, "कोविड-19 ने भारत सहित पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है। लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था महामारी के कारण रुकी हुई अर्थव्यवस्था की तुलना में अधिक मजबूती से उबरी है।"प्रधानमंत्री मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, "जब दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं महामारी के दौरान अपना बचाव करने में व्यस्त थीं, तब हम सुधार कर रहे थे। जब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई, तो हमने भारत के पक्ष में नए अवसरों को चालू करने के लिए पीएलआई (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजना शुरू की।"
उन्होंने कहा कि "इस योजना का अब कपड़ा क्षेत्र में विस्तार कर दिया गया है, कपड़ा क्षेत्र और सूरत जैसे शहर इस योजना का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।"राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, "COVID-19 की विनाशकारी दूसरी लहर के बावजूद, एक साल पहले की अवधि के निम्न आधार से भारत की आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में बढ़कर 20.1 फीसद हो गई है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) साल 2020-21 की इसी अप्रैल-जून तिमाही में 24.4 फीसद तक कॉन्ट्रैक्ट हुई थी।"
केंद्र सरकार द्वारा कपड़ा और ऑटोमोबाइल सहित 10 प्रमुख क्षेत्रों के लिए घोषित पीएलआई योजना का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को महामारी के बाद तेजी से ठीक करने में मदद करना है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमें खुद को वैश्विक आर्थिक नेता के रूप में देखना चाहिए क्योंकि 21वीं सदी में भारत के पास इसे बड़ा बनाने के अवसरों की कमी नहीं है।"