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FY24 में देश की अर्थव्यवस्था 6.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान, खुदरा महंगाई में भी कमी की उम्मीद

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने आज वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने वास्तविक जीडीपी वृद्धि पूर्वानुमान में कुछ बदलाव किए हैं। रेटिंग्स एजेंसी ने वास्तविक घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पिछले अनुमान 5.9 प्रतिशत से बढ़कर 6.2 प्रतिशत कर दी है। हालांकि रेटिंग एजेंसी ने जीडीपी ग्रोथ को लेकर चिंता जाहिर की है और इसके अलावा यह भी कहा है कि इस वर्ष खुदरा महंगाई कम रहेगी।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 20 Sep 2023 04:25 PM (IST)
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रेटिंग एजेंसी ने जीडीपी ग्रोथ में आने वाली परेशानियों के बारे में भी बताया

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आ रही है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने आज वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने वास्तविक जीडीपी वृद्धि अनुमान में कुछ बदलाव किया है।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि जीडीपी वृद्धि को पहले के अनुमानित 5.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया गया है।

आंकड़ो में इस वजह से हुआ बदलाव

रेटिंग एजेंसी ने सरकार के पूंजीगत व्यय, भारतीय उद्योग जगत और बैंकों की बैलेंस शीट में कमी, वैश्विक कमोडिटी की कम कीमतों और निजी पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए जीडीपी वृद्धि के आंकड़ो में बदलाव किया है।

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जीडीपी ग्रोथ में आ सकती हैं ये परेशानियां

रेटिंग एजेंसी ने लोक सभा चुनावों से पहले चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि पर कुछ परेशानियों के बारे में बताया है। इसमें वैश्विक विकास में गिरावट शामिल है, जिसने भारत के निर्यात को प्रभावित किया है।

इस वित्त वर्ष कितनी रह सकती है वास्तविक जीडीपी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5 फीसदी रहेगी। वहीं वित्त वर्ष 2023 में अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी।

निम्न आय वर्ग से संबंधित परिवारों की वास्तविक वेतन वृद्धि वित्त वर्ष 2011 की चौथी तिमाही से कम रही और सिर्फ वित्त वर्ष 2013 की दिसंबर तिमाही में मामूली सकारात्मक हुई है।

रेटिंग एजेंसी की मानें तो इसी अवधि में उच्च आय वर्ग से संबंधित परिवारों की वास्तविक वेतन वृद्धि में 9.5 प्रतिशत से 12.7 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है।

खुदरा महंगाई रहेगी कम

रेटिंग एजेंसी के मुताबिक इस वित्त वर्ष खुदरा महंगाई कम रहेगी, और हेडलाइन सीपीआई वित्त वर्ष 24 में 5.5 प्रतिशत पर रहेगा। हालांकि इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने यह भी कहा कि वित्तीय स्थितियां कठीन रह सकती है।

इसके अलावा रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि 5.9 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करना सरकार के लिए एक चुनौती होगा। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक FY24 के पहले चार महीनों में सकल कर संग्रह वृद्धि केवल 2.8 प्रतिशत होगी, जबकि बजट में अनुमान 10.4 प्रतिशत है।

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