प्रवासी भारतीयों के डॉलर से भारतीय अर्थव्यवस्था को मिल रही मजबूती, विदेशी मुद्रा भंडार भी 600 अरब डॉलर के पास
भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में प्रवासी भारतीय (एनआरआई) भी अपना अहम योगदान दे रहे हैं। आरबीआइ के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में एनआरआई की तरफ से देश में 107.5 अरब डॉलर भेजे गए।एनआरआई की तरफ से अधिक राशि भेजे जाने से विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हुई है।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 07 Apr 2023 07:13 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में प्रवासी भारतीय (एनआरआई) भी अपना अहम योगदान दे रहे हैं। आरबीआइ के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022 में एनआरआई की तरफ से देश में 107.5 अरब डॉलर भेजे गए। आरबीआइ के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गत गुरुवार को रेपो रेट की घोषणा के दौरान कहा कि यह किसी वर्ष में एनआरआई की तरफ से भेजी जाने वाली सबसे अधिक राशि है।
चालू खाते के घाटे में रहेगा नरमी का रुख
उन्होंने कहा कि गल्फ कोपरेशन काउंसिल (जीसीसी) से जुड़े देशों की आर्थिक स्थिति बेहतर होने से आने वाले समय में भी एनआरआई की तरफ से भेजी जाने वाली राशि में मजबूती कायम रहेगी। उन्होंने कहा कि वस्तु व्यापार के घाटे में कमी और सर्विस निर्यात के बढ़ने से वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी तिमाही (जनवरी-मार्च) और चालू वित्त वर्ष 2023-24 में चालू खाते के घाटे में नरमी का रुख रहेगा और इसे आसानी से समायोजित किया जा सकेगा।
विदेशी मुद्रा भंडार में हुई बढ़ोतरी
उन्होंने आगे कहा कि चालू खाते के घाटे में कमी आने और एनआरआई की तरफ से अधिक राशि भेजे जाने से विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हुई है। आरबीआइ के मुताबिक, पिछले साल अक्टूबर में विदेशी मुद्रा का भंडार 524.5 अरब डॉलर था जो फिलहाल 600 अरब डॉलर के पार चला गया है।आरबीआइ के मुताबिक, गत वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में चालू खाते का घाटा 3.7 फीसद था जो तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में घटकर 2.2 फीसद रह गया। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तीन तिमाही में चालू खाते का घाटा 2.7 फीसद है।
साफ्टवेयर व बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट के निर्यात में बढ़ोतरी से सर्विस सेक्टर निर्यात का प्रदर्शन वर्ष 2023 के पहले दो महीनों में काफी अच्छा रहा है इससे गत वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में चालू खाते के घाटे में नरमी का रुख रहेगा। वित्त वर्ष 2022-23 में वस्तु व सेवा निर्यात 750 अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है। इनमें 447 अरब डॉलर वस्तु का निर्यात रहा।