Indian Economy: चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत से ज्यादा रह सकती है विकास दर, NCAER ने जताया अनुमान
इकोनॉमिक थिंक टैंक एनसीएईआर ने कहा कि सामान्य से अच्छे मानसून का अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा। जीएसटी संग्रह मार्च में 1.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो 2017 में इसके लागू होने के बाद दूसरा सबसे अधिक संग्रह है। रिपोर्ट में बताया कि साल-दर-साल आधार पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़ने वाले नए ग्राहकों की संख्या में वृद्धि रोजगार के बढ़ते अवसरों में वृद्धि को दिखाता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। अनुकूल वैश्विक परिदृश्य और सामान्य से अधिक मानसून रहने की संभावनाओं के बीच चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर सात प्रतिशत से अधिक रह सकती है। इकॉनामिक थिंक टैंक एनसीएईआर ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा के अप्रैल अंक में कहा है कि मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियां 16 साल के उच्चतम स्तर हैं और यूपीआई लेनदेन रिकार्ड स्तर पर हैं।
एनसीएईआर की महानिदेशक पूनम गुप्ता ने कहा कि समान्य से अधिक मानसून के पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष के दौरान फिर से सात प्रतिशत से अधिक विकास दर हासिल कर सकती है।
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मार्च में 1.8 करोड़ पहुंचा जीएसटी कलेक्शन
एनसीएईआर के अनुसार, जीएसटी संग्रह मार्च में 1.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो 2017 में इसके लागू होने के बाद दूसरा सबसे अधिक संग्रह है। यूपीआई लेनदेन की बात करें तो मार्च में 13.4 अरब ट्रांजेक्शन हुए, जो इसकी शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है।रिपोर्ट के अनुसार सकल मुद्रास्फीति फरवरी के 5.1 प्रतिशत से घटकर मार्च में 4.9 प्रतिशत हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल-दर-साल आधार पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़ने वाले नए ग्राहकों की संख्या में वृद्धि रोजगार के बढ़ते अवसरों में वृद्धि को दिखाता है।एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) और फिच रेटिग्स ने जहां भारत की विकास दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (IMF), एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स और मार्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 6.8 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाया है।
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