वर्ष 2034 तक नौ ट्रिलियन डॉलर की होगी भारतीय इकोनॉमी, सेंसेक्स भी छुएगा नई बुलंदियां : Morgan Stanley
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था के और भी तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है। तमाम रेटिंग एजेंसियां पहले ही भारतीय इकोनॉमी को लेकर पॉजिटिव भविष्यवाणी कर चुकी हैं। भारत पहले ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थवयवस्था बन चुका है और साल 2027 तक उसके चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाने की पूरी उम्मीद है। अब मोर्गन स्टेनली ने भी इसे लेकर बड़ी बात कही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यह दशक भारत का होगा। भारत तेज विकास दर हासिल करने की राह पर अग्रसर है। स्थिति यह है कि वैश्विक इकोनॉमी में अगले एक दशक में जो इजाफा होगा उसमें 20 फीसदी हिस्सा अकेले भारत का होगा। वर्ष 2034 तक भारत की इकोनॉमी का आकार नौ ट्रिलियन डॉलर (नौ हजार अरब डॉलर, अभी है 3.7 ट्रिलियन डॉलर) का हो जाएगा। यह बात प्रसिद्ध वैश्विक आर्थिक सलाहकार एजेंसी मोर्गन स्टेनले ने अपनी एक नई रिपोर्ट में कही है।
ढांचागत क्षेत्र पर बना रहेगा फोकस
रिपोर्ट आम चुनाव में एनडीए को मिली जीत के बाद जारी की गई है। रिपोर्ट बताती है कि पिछले एक दशक के दौरान सरकार व आरबीआई के स्तर पर आपूर्ति पक्ष सुधारने, इकोनॉमी को व्यवस्थित करने, सामाजिक सुधार, कारपोरेट टैक्स घटाने, जीएसटी लागू करने जैसे फैसलों से संभव हुआ है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि ढांचागत क्षेत्र पर फोकस बना रहेगा और कृषि क्षेत्र में सुधार की कोशिश भी सरकार करेगी।
भारतीयों की प्रति व्यक्ति आय भी होगी दोगुनी
रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दशकों में भारत में कई तरह के बदलाव देखने को मिलने वाले हैं। समाज के निम्न और उच्च आय वर्गों की मांग में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। लंबे समय तक ब्याज दरों के कम होने से बैंकिंग कर्ज की रफ्तार भी तेजी से बढ़ेगी। अगले चार-पांच वर्षों के दौरान सामान्य तौर पर आय में 20 फीसद सालाना बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है। देश की जीडीपी में लगातार 6.5 फीसद की सालाना की वृद्धि होने की वजह से खपत का ट्रेंड भी काफी बदलेगा। वर्ष 2034 तक भारतीय इकोनॉमी का आकार नौ ट्रिलियन डॉलर यानी नौ लाख करोड़ डॉलर का हो जाएगा। इस दौरान भारतीयों की प्रति व्यक्ति आय मौजूदा 2498 डॉलर सालाना से बढ़ कर 5,793 डॉलर हो जाएगी।सेंसेक्स भी बनाएगा नए रिकॉर्ड
मोर्गन स्टेनले का अनुमान है कि तब तक 35 हजार डॉलर आय वाले भारतीय परिवारों की संख्या भी पांच गुणा बढ़ कर 2.5 करोड़ हो जाएगी। सेंसेक्स में अगले पांच वर्षों तक 12-15 फीसदी की वृद्धि की संभावना भी जताई गई है। ऊर्जा खपत का ट्रेंड भी काफी बदल जाएगा। शेयर बाजार में बड़ी संख्या में नये निवेशक प्रवेश करेंगे।