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फर्जी चीनी कंपनियों की मदद करने वालों पर सख्ती, दिल्ली से बेंगलुरु तक छापे

ये छापेमारी कॉर्पोरेट मंत्रालय की ओर से चीनी कंपनियों में फर्जी डायरेक्टर बनाने को लेकर की गई है। ये छापे दिल्ली गुरुग्राम बेंगलुरु और हैदराबाद में मारे गए हैं। जिन कंपनियों पर ये छापेमरी की गई थी वे चीनी नागरिकों की ओर से संचालित की जा रही थीं।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Thu, 08 Sep 2022 07:20 PM (IST)
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Indian government big action on those helping fake Chinese companies raids
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कॉर्पोरेट मंत्रालय (MCA) ने गुरुवार से उन भारतीय कंपनियों पर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है, जो दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों में मौजूद सैकड़ों फर्जी चीनी कंपनियों को फर्जी डायरेक्टर उपलब्ध करवा रही हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मंत्रालय ने आज 3:30 बजे अपनी छापेमारी शुरू की। ये छापे दिल्ली, गुरुग्राम, बेंगलुरु और हैदराबाद में डाले गए। जानकारी के मुताबिक, हर लोकेशन पर 25 से 30 अधिकारियों की टीम को भेजा गया था।

फर्जी कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई

इन फर्जी चीनी कंपनियों में उन भारतीय लोगों को निदेशक के तौर पर भर्ती किया जा रहा था, जो बेहद कम पढ़े लिखे थे और छोटी स्तर की नौकरी करते थे। खबर लिखे जाने तक छापे जारी थे।

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी लोन फर्जीवाड़े मामले में जांच करते हुए बेंगलुरु में छह जगहों पर छापेमारी की थी। ये छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) 2002 के तहत की गई थी। ईडी ने बताया कि जिन कंपनियों पर ये छापेमरी की गई थी, वे चीनी नागरिकों की ओर से संचालित की जा रही थीं।

बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा

इससे पहले मुंबई पुलिस की अपराध शाखा (ईओडब्लू) ने अप्रैल माह में करीब 60 विदेशी नागरिकों समेत 150 पर 34 एफआरआर दर्ज की थी। इनमें भी 40 चीनी नागरिकों का नाम सामने आया था। पुलिस ने एफआईआर में बताया था कि 60 विदेशी नागरिक फर्जी तरीके से भारतीय कंपनियों में निदेशक बन गए हैं। जिन 60 विदेशी नागरिकों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे, उनमें 40 चीनी नागरिकों के साथ बाकी सिंगापुर, ब्रिटेन, ताइवान, यूएई और दक्षिण कोरिया के नागरिकों का नाम शामिल था। बता दें कि इस मामले में 30 से अधिक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) और 30 कंपनी सचिव (CS) को आरोपी बनाया गया था।