अब भारतीय दवाओं पर सवाल! अमेरिकी मार्केट से मेडिसिन वापस मंगा रहीं दिग्गज फार्मा कंपनियां, जानिए वजह
दुनिया के कई देश भारतीय मसालों में गुणवत्ता से जुड़ी गंभीर खामियां मिलने के बाद बैन लगा रहे हैं। अब देश के फार्मा सेक्टर के लिए भी दिक्कतें बढ़ रही हैं। डॉक्टर रेड्डीज लैबोट्रीज सन फार्मा और अरबिंदो फार्मा जैसी दिग्गज भारतीय फार्मास्युटिकल्स कंपनियां अपनी अलग-अलग दवाओं को अमेरिकी मार्केट से वापस ले रही हैं। इनकी मैन्युफैक्चरिंग में खामियां पाई गई हैं। आइए जानते हैं पूरी खबर।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया के कई देश भारतीय मसालों में गुणवत्ता से जुड़ी गंभीर खामियां मिलने के बाद बैन लगा रहे हैं। अब देश के फार्मा सेक्टर के लिए भी दिक्कतें बढ़ रही हैं। डॉक्टर रेड्डीज लैबोट्रीज, सन फार्मा और अरबिंदो फार्मा जैसी दिग्गज भारतीय फार्मास्युटिकल्स कंपनियां अपनी अलग-अलग दवाओं (Recalls of various drug products) को अमेरिकी मार्केट से वापस ले रही हैं। इनकी मैन्युफैक्चरिंग में खामियां पाई गई हैं।
अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने इन रिकॉल्स को Class I और Class II के रूप में वर्गीकृत किया है। उसने भारत से आयात होने वाली जेनेरिक दवाओं की क्वालिटी और सेफ्टी के बारे में गंभीर चिंता जताई है। जेनेरिक दवाओं का मतलब किसी ब्रांडेड मेडिसिन के फॉर्मूले के आधार पर दूसरी दवा बनाना, जो काफी सस्ती होती है। भारत जेनेरिक दवाओं का सबसे निर्माता और निर्यातक है।आइए जानते हैं कि कौन सी कंपनियां अपनी दवा को अमेरिकी मार्केट से वापस मंगा रही है और उसकी वजह क्या है।
जावीगटोर के 20,000 डिब्बे रिकॉल करेगी डॉ. रेड्डीज
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज जावीगटोर (सैप्रोप्टेरिन डाइहाइड्रोक्लोराइड) के करीब 20,000 डिब्बे वापस मंगा रही है। यह फेनिलकेटोनुरिया वाले मरीजों में हाइपरफेनिलएलनिनमिया (HPA) के इलाज के लिए इस्तेमाल होती है। यह एक तरह का आनुवंशिक विकार (Genetic Disorder) होता है, जिससे बौद्धिक विकास पर बुरा असर पड़ता है और मरीज का व्यवहार भी काफी असामान्य होता है। उसे दौरे भी पड़ते हैं। अमेरिकी रेगुलेटर ने पाया कि डॉ. रेड्डीज की काफी कम असरदार है यानी यह प्रभावी तरीके से बीमारी का इलाज नहीं कर पाती।एंटीफंगल इंजेक्शन वापस मंगा रही सन फार्मा
देश की सबसे बड़ी जेनेरिक दवा निर्माता सन फार्मा एम्फोटेरिसिन बी लिपोसोम की 11,000 से अधिक शीशियों को वापस ले रहा है। यह इंजेक्शन एंटीफंगल का इलाज करता है। लेकिन, अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर ने अपनी जांच में पाया कि सन फार्मा के इंजेक्शन की क्वालिटी सही नहीं है।