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कई ट्रेनों में रेलवे ने जोड़े अतिरिक्त स्टोपेज, दिल्ली से दक्षिण भारत जाने वाले यात्रियों को होगा फायदा

Indian Railway की ओर से दक्षिण भारत जाने वाली कई ट्रेनों में स्टोपेज को जोड़ा गया है। इससे यात्रियों को बड़ा फायदा होगा। रेलवे की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया है कि अतिरिक्त स्टेशन प्रयोगिक आधार पर जोड़े गए हैं। रेलवे द्वारा कौन-कौन से स्टेशनों को जोड़ा गया है। आइए जानते हैं विस्तार से... (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Fri, 14 Jul 2023 03:20 PM (IST)
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ट्रेन की ओर से कई स्टेशनों को जोड़ा गया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रेलवे की ओर से यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए दक्षिण भारत जाने वाली कई ट्रेनों में अतिरिक्त स्टोपेज को जोड़ा गया है। इससे उन यात्रियों को फायदा को दक्षिण भारत जाने के लिए इन ट्रेनों का इस्तेमाल करते हैं।

रेलवे की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया कि ये स्टोपोज प्रयोगिक आधार पर जोड़े गए हैं।

किन ट्रेनों में जोड़े गए अतिरिक्त स्टोपेज?

1. 12618 हजरत निजामुद्दीन-एर्नाकुलम जंक्शन मंगला एक्सप्रेस, दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से केरल के एर्नाकुलम के बीच चलने वाली मंगला एक्सप्रेस 15 जुलाई से केरल के कोयिलांडे रेलवे स्टेशन पर भी रुकेगी। ट्रेन 3:09 मिनट पर इस स्टेशन पर आएगी और 3:10 मिनट पर चली जाएगी। ये ट्रेन करीब 3066 किलोमीटर की दूरी कवर करती है और इसमें करीब 50 घंटे और 20 मिनट का समय लगता है।

2. हैदराबाद डेक्कन नामपल्ली-हजरत निजामुद्दीन दक्षिण एक्सप्रेस हैदराबाद से दिल्ली के बीच में चलती है। अब तक ट्रेन कुल 42 स्टेशन पर रुकती है, लेकिन 16 जुलाई से ये जम्मीकुंटा रेलवे स्टेशन पर भी रुकेगी। ट्रेन स्टेशन पर 1:44 मिनट पर आएगी और 1:45 मिनट पर रवाना हो जाएगी। इस ट्रेन को 1676 किलोमीटर की दूरी कवर करने में करीब 28 घंटे 40 मिनट का समय लगता है।

3.एमजीआर चेन्नई सेट्रल- हजरत निजामुद्दीन दक्षिण गरीब रथ एक्सप्रेस ये ट्रेन अब वारंगल स्टेशन पर भी रुकेगी। अब तक ये ट्रेन कुल 9 स्टेशनों पर ही रुकती थी। चेन्नई से दिल्ली के बीच चलने वाली ये ट्रेन वारंगल स्टेशन पर 14:12 बजे आएगी और 14:14 मिनट पर रवाना हो जाएगी। ये ट्रेन केवल शनिवार को ही संचालित होती है।

बता दें, रेलवे की ओर से यात्रियों की सुविधाओं के बढ़ाने के लिए लगातार नए-नए उपाय किए जाते हैं। इसकी कड़ी में रेलवे द्वारा दक्षिण जाने वाली ट्रेनों कई नए स्टोपोज को जोड़ा गया है।