राजस्व लक्ष्य को हासिल करने के लिए योजना बना रहा रेलवे, कोरोना काल में यात्रियों से मिलने वाले किराये में आई कमी
उत्तर रेलवे में अंबाला दिल्ली लखनऊ मुरादाबाद और फिरोजपुर मंडल आता है। इन पांचों मंडल में 630 करोड़ रुपये का लक्ष्य रह गया है जिसे 31 मार्च तक पूरा करना है। सबसे अधिक लक्ष्य सेंट्रल रेलवे को पूरा करना है जो 915 करोड़ है।
अंबाला, दीपक बहल। कोरोना काल में किराया बढ़ाकर कम ट्रेनों में ही घाटे से उबरने की रेलवे ने योजना तैयार की है। 5470 करोड़ रुपये का लक्ष्य मार्च, 2021 तक पूरा करना है। इसके लिए और स्पेशल ट्रेनें पटरी पर उतारी जा सकती हैं। वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में चालू वित्त वर्ष 2020-21 में यात्रियों से मिलने वाले किराये में 78 फीसद कमी आई है। ट्रेनों में भीड़ न बढ़े, इसलिए पैसेंजर ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस का दर्जा दे किराया बढ़ाकर पटरी पर उतारा जा चुका है। अब रेल मंत्रालय ने देश भर के किस जोन में कितना लक्ष्य बचा है, इसकी सूची जारी की है।
उत्तर रेलवे में अंबाला, दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबाद और फिरोजपुर मंडल आता है। इन पांचों मंडल में 630 करोड़ रुपये का लक्ष्य रह गया है, जिसे 31 मार्च तक पूरा करना है। सबसे अधिक लक्ष्य सेंट्रल रेलवे को पूरा करना है, जो 915 करोड़ है, जबकि सबसे कम मेट्रो 38 करोड़ तथा दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे का 78 करोड़ रुपये है।
इसी प्रकार पूर्वी रेलवे 196 करोड़, मध्य पूर्व रेलवे 316 करोड़, ईस्ट कोस्ट रेलवे 276 करोड़, उत्तर रेलवे 630 करोड़, उत्तर मध्य रेलवे 562 करोड़, उत्तर पूर्व रेलवे 362 करोड़, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे 156 करोड़, उत्तर पश्मिच रेलवे 147 करोड़, दक्षिण रेलवे 224 करोड़, दक्षिण मध्य रेलवे 388 करोड़, दक्षिण पूर्व रेलवे 167 करोड़, दक्षिण पश्चिम रेलवे 153 करोड़, पश्चिम रेलवे 404 करोड़ और पश्चिम मध्य रेलवे को 451 करोड़ का बचा हुआ लक्ष्य पूरा करना है।
हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों तक फैले अंबाला रेल मंडल ने तय लक्ष्य से 104 प्रतिशत अधिक आय की है। अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक 33.68 करोड़ रुपये का लक्ष्य था, जबकि रेलवे ने 68.31 करोड़ आय कर ली, जबकि कोरोना से पहले की बात करें, अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 तक 572.31 करोड़ की आमदनी हुई थी। इस तरह 88.07 करोड़ का घाटा हुआ है।
आवश्यक यात्रा के लिए चलाई जा रही हैं ट्रेनें : गंगल
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने कहा कि कोरोना महामारी में यात्री बस से लंबी दूरी का सफर नहीं कर सकते, इसलिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ट्रेनों में भीड़ न हो इसलिए पैसेंजर ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस का दर्जा देकर चलाया गया है और उनमें किराया मेल एक्सप्रेस का ही लिया जा रहा है। रेलवे का उद्देश्य है कि आवश्यक कार्य के चलते ही लोग यात्रा करें।