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जारी है रुपये का शानदार प्रदर्शन, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 पैसे बढ़त के साथ बंद

Indian Rupee vs Dollar घरेलू इक्विटी बाजार के मोर्चे पर 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 418.45 अंक या 0.67 प्रतिशत बढ़कर 63143.16 अंक पर बंद हुआ और व्यापक एनएसई निफ्टी 114.65 अंक या 0.62 प्रतिशत बढ़कर 18716.15 अंक पर पहुंच गया।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Tue, 13 Jun 2023 06:22 PM (IST)
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Indian rupee rises 5 paise against us dollar after market closing 13 June 2023
मुंबई, बिजनेस डेस्क। विदेशों में डॉलर के कमजोर होने और वृहद आर्थिक आंकड़ों के मजबूत होने से निवेशकों की धारणा को समर्थन मिला। विदेशी मुद्रा बाजार में, भारतीय करेंसी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82.42 पर खुली और अपने पिछले बंद भाव से 5 पैसे ऊपर 82.38 (अनंतिम) पर बंद हुई।

दिन के दौरान रुपये ने 82.35 के इंट्रा-डे हाई और 82.47 के निचले स्तर को देखा। सोमवार को अमेरिकी करेंसी के मुकाबले रुपया 82.43 पर बंद हुआ था। डॉलर सूचकांक, जो छह मुद्राओं के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाता है, 0.37 प्रतिशत गिरकर 103.27 पर आ गया।

डॉलर और रुपये का कनेक्शन

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 1.53 प्रतिशत की तेजी के साथ 73 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने से पहले अधिकांश एशियाई मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में गिरावट आई। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, भावनाओं पर जोखिम और मजबूत आर्थिक आंकड़ों ने आज के कारोबार में रुपये को समर्थन दिया।

तीन प्रमुख केंद्रीय बैंकों के नीतिगत फैसलों से पहले जोखिम की भावना इसके फ्रंट फुट पर बनी हुई है, जिसमें इक्विटी कारोबार अधिक है और अमेरिकी डॉलर ज्यादातर प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले कम है।

क्या है रुपये का सपोर्ट लेवल?

एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 626.62 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। घरेलू व्यापक आर्थिक मोर्चे पर, खुदरा मुद्रास्फीति मई में घटकर 25 महीने के निचले स्तर 4.25 प्रतिशत पर आ गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य और ईंधन वस्तुओं की कीमतों में नरमी है।

सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत का औद्योगिक उत्पादन मार्च 2023 में 1.7 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल में 4.2 प्रतिशत हो गया, जो मुख्य रूप से विनिर्माण और खनन क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के कारण हुआ।