Wedding Industry: पढ़ाई के मुकाबले शादी पर दोगुना खर्च करते हैं भारतीय, अमेरिका भी छूटा पीछे
शादियों का सीजन किसे पसंद नहीं होता। दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलना-जुलना हफ्तों तक लगी रहने वाली चहल-पहल। शादी के दिन बैंड-बाजा और बारात का माहौल। फिर रात में नाचने-गाने का प्रोग्राम और खाने के लिए अलग-अलग किस्म के पकवान। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि भारत में शादी अपनेआप में कितना बड़ा उद्योग है और इस पर कितने रुपये खर्च किए जाते हैं?
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत की वेडिंग इंडस्ट्री (Indian Wedding Industry) का साइज करीब 10 लाख करोड़ रुपये (130 अरब डॉलर) है। यह साइज के लिहाज से फूड और ग्रोसरी के बाद दूसरे नंबर पर है। एक औसत भारतीय पढ़ाई की तुलना में शादी समारोह पर दोगुना खर्च करता है। देश में हर साल 80 लाख से 1 करोड़ शादियां होती हैं। यह चीन जैसे देशों के मुकाबले भी अधिक है, जहां हर साल लगभग 70-80 लाख शादियां होती हैं। वहीं, अमेरिका में यह आंकड़ा 20-25 लाख है।
यह प्रतिष्ठित अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की वेडिंग इंडस्ट्री अमेरिका के मुकाबले तकरीबन दोगुना है, जो 70 अरब डॉलर की है। हालांकि, यह चीन के मुकाबले छोटा है, जिसकी वेडिंग इंडस्ट्री 170 अरब डॉलर की है। जेफरीज का कहना है कि अगर शादियां अपनेआप में कोई कैटेगरी होतीं, तो ये 681 अरब डॉलर वाली फूड और ग्रोसरी के बाद दूसरी सबसे बड़ी रिटेल कैटेगरी होती।
शादियों पर क्यों होता है ज्यादा खर्च
भारत में शादियां काफी धूमधाम से होती हैं। इस दौरान कई तरह के समारोह होते हैं, जिनमें लाखों काफी ज्यादा खर्च करते हैं। यह इंडस्ट्री खासकर जेवरात और कपड़े जैसी चीजों की खरीद को बढ़ावा देती है। इनडायरेक्ट तरीके से ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को भी लाभ पहुंचाता है। विदेशी स्थानों पर होने वाली आलीशान शादियां भी भारतीय वैभव को दिखाती हैं।
भारतीय शादियां और इससे जुड़े समारोह अमूमन कई दिनों तक चलते हैं। यह साधारण से लेकर अति-भव्य तक होते हैं। शादी समारोह का अक्सर क्षेत्र, धर्म और आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। जेफरीज की रिपोर्ट बताती है कि भारत की वेडिंग इंडस्ट्री काफी जटिल होती है। इसकी जटिल हिंदू कैलेंडर से भी बढ़ जाती है, क्योंकि शादियां सिर्फ विशिष्ट महीनों में शुभ दिनों पर ही होती हैं, जो हर साल बदलती रहती हैं।
जेफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक, 'भारत में शादी और इससे जुड़े समारोह पर 15,000 डॉलर का खर्च होता है। दिलचस्प बात यह है कि एक औसत भारतीय जोड़ा शिक्षा (प्री-प्राइमरी से ग्रेजुएशन) की तुलना में शादियों पर दोगुना खर्च करता है। वहीं, अमेरिका जैसे देशों में यह खर्च शिक्षा की तुलना में आधे से भी कम है।'