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विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आई गिरावट, अब इतना अरब डॉलर हो गया कम

देश का विदेशी मुद्रा भंडार तीन दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 1.783 अरब डॉलर घटकर 635.905 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 271.3 करोड़ डॉलर घटकर 637.687 अरब डॉलर रह गया था।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Sat, 11 Dec 2021 10:00 AM (IST)
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सप्ताह के दौरान एफसीए 1.483 अरब डॉलर घटकर 573.181 अरब डॉलर रह गया।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। देश का विदेशी मुद्रा भंडार तीन दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 1.783 अरब डॉलर घटकर 635.905 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 271.3 करोड़ डॉलर घटकर 637.687 अरब डॉलर रह गया था। आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार तीन दिसंबर को समाप्त समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशीमुद्रा भंडार में गिरावट आने की वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों ( एफसीए ) में गिरावट आना था जो कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होता है।

एफसीए 1.4 अरब डॉलर घटा

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह के दौरान एफसीए 1.483 अरब डॉलर घटकर 573.181 अरब डॉलर रह गया। डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशीमुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्रा के घट बढ़ को भी शामिल किया जाता है।

स्‍वर्णभंडार का मूल्‍य 40 करोड़ डॉलर घटा

इस दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 40.7 करोड़ डॉलर घटकर 38.418 अरब डॉलर रह गया। आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ( आईएमएफ ) के पास विशेष आहरण अधिकार नौ करोड़ डॉलर बढ़कर 19.126 अरब डॉलर हो गया। अंतररराष्ट्रीय मुद्राकोष में देश का मुद्रा भंडार 1.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.18 अरब डॉलर हो गया।

नवंबर में भी घट गया था विदेशी मुद्रा भंडार

26 नवंबर को समाप्त हुए हफ्ते में यह 2.713 अरब डॉलर घटकर 637.687 अरब डॉलर रह गया था। आरबीआई के अनुसार इससे पहले 19 नवंबर को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 28.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 640.401 अरब डॉलर हो गया था। वहीं, 3 सितंबर को समाप्त हफ्ते में मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंचा था। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 26 नवंबर को समाप्त समीक्षाधीन हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने की वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों में गिरावट था। यह कुल मुद्रा भंडार अहम हिस्सा होता है।