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वस्तु निर्यात में 30 प्रतिशत तो सेवा निर्यात में 53 प्रतिशत की वृद्धि

वित्त वर्ष 21-22 में भारत ने रिकॉर्ड निर्यात हासिल किया। देश का सेवा निर्यात भी पिछले वित्त वर्ष में 254.4 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया। सेवा निर्यात का पिछला उच्च स्तर 2019-20 में 213.2 अरब अमेरिकी डॉलर था।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Sun, 15 May 2022 07:26 AM (IST)
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अप्रैल में इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के निर्यात में 71.69 प्रतिशत की बढ़ोतरी। (Pti)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले माह अप्रैल में वस्तुओं के निर्यात में 30 प्रतिशत तो सेवा निर्यात में 53 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। अप्रैल में वस्तुओं का निर्यात 40.19 अरब डालर का निर्यात किया गया जबकि इस अवधि में 60.30 अरब डालर का आयात किया गया। इस प्रकार अप्रैल में वस्तुओं का व्यापार घाटा 20.11 अरब डालर रहा।

दूसरी तरफ अप्रैल में सेवा निर्यात 27.60 अरब डालर का रहा जबकि सेवा क्षेत्र का आयात 15.57 अरब डालर का रहा। इस प्रकार सेवा क्षेत्र में आयात कम रहने से अप्रैल का कुल व्यापार घाटा 8.08 अरब डालर का रहा।

वस्तु और सेवा क्षेत्र को मिलाकर 67.79 अरब डालर

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल महीने में वस्तु और सेवा क्षेत्र को मिलाकर 67.79 अरब डालर का निर्यात किया गया जबकि इस अवधि में 75.87 अरब डालर का आयात किया गया। अप्रैल में इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के निर्यात में 71.69 प्रतिशत, अनाज में 60.83 प्रतिशत, काफी में 59.38 प्रतिशत तो लेदर व लेदर उत्पाद 36.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।

भारत का उत्पाद निर्यात 30.7 प्रतिशत

बता दें कि पेट्रोलियम उत्पाद, इलेक्ट्रानिक सामान और केमिकल जैसे क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के कारण अप्रैल में भारत का उत्पाद निर्यात 30.7 प्रतिशत बढ़कर 40.19 अरब डालर हो गया। इसी समयावधि में आयात 30.97 प्रतिशत बढ़कर 60.3 अरब डालर हो गया। इस तरह देश का व्यापार घाटा बढ़कर 20.11 अरब डालर पर पहुंच गया। इससे पहले अप्रैल, 2021 में व्यापार घाटा 15.29 अरब डालर रहा था।

2021-22 में भारत ने रिकार्ड 418 अरब डालर का किया निर्यात

वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने रिकार्ड 418 अरब डालर का निर्यात किया था। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, 'पिछले वित्त वर्ष में रिकार्ड प्रदर्शन के बाद अप्रैल, 2022 में भी निर्यात में मजबूत वृद्धि रही। वस्तुओं का निर्यात 40 अरब डालर को पार कर एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया।