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छोटे, मझोले रीट पर नियमन के उद्योग आगे आएं, सेबी प्रमुख ने कहा

ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024 में बुच ने अनुपालन और नियामक की भूमिका के बारे में बात की और कहा कि उद्योग जगत के लोग छोटे और मझोले रीट पर विनियमन के लिए आगे आए हैं। सेबी को एफएंडओ कारोबार पर 6000 हितधारकों से मिले सुझाव सेबी चेयरपर्सन ने गुरुवार को बताया कि बाजार नियामक को एफएंडओ कारोबार पर जारी परामर्श पत्र पर करीब 6000 हितधारकों से सुझाव मिले हैं।

By Agency Edited By: Yogesh Singh Updated: Thu, 29 Aug 2024 08:42 PM (IST)
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सेबी को एफएंडओ कारोबार पर 6,000 हितधारकों से मिले सुझाव सेबी चेयरपर्सन ने गुरुवार को बताया

पीटीआई, मुंबई। मार्केट रेगुलेटर सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने गुरुवार को कहा कि लघु एवं मझोले आकार के आरईआइटी (रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट-रीट) को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और उद्योग जगत के लोग ऐसी इकाइयों पर नियमन के लिए आगे आए हैं। सेबी ने हाल ही में लघु और मझोले रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (एसएम-आरईआइटी) के लिए विनियमन लागू किए हैं, जिनका मकसद रियल एस्टेट परिसंपत्तियों के आंशिक स्वामित्व में निवेशकों की रुचि को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाना है।

ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024 में बुच ने अनुपालन और नियामक की भूमिका के बारे में बात की और कहा कि उद्योग जगत के लोग छोटे और मझोले रीट पर विनियमन के लिए आगे आए हैं। सेबी को एफएंडओ कारोबार पर 6,000 हितधारकों से मिले सुझाव सेबी चेयरपर्सन ने गुरुवार को बताया कि बाजार नियामक को वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) कारोबार पर जारी परामर्श पत्र पर करीब 6,000 हितधारकों से सुझाव मिले हैं।

इन उपायों का उद्देश्य निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाना तथा 'डेरिवेटिव' बाजारों में बाजार स्थिरता को बढ़ावा देना है। बता दें कि कुछ दिनों पहले सेबी प्रमुख ने बताया था कि एफएंडओ में परिवारों को प्रति वर्ष 60,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो रहा है। वहीं सेबी के शोध में पता चला था कि खुदरा व्यापारी एफएंडओ खंड में 10 में से नौ कारोबार में नुकसान उठाते हैं।

सेकेंडरी मार्केट ट्रेडिंग के लिए यूपीआई ब्लॉक मैकेनिज्म अनिवार्य करने का प्रस्ताव सेबी ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसके तहत योग्य स्टाक ब्रोकरों (क्यूएसबी) को सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए अनिवार्य रूप से यूपीआई ब्लॉक मैकेनिज्म सुविधा प्रदान करनी होगी। यह एक ऐसी प्रणाली है, जो ट्रेडिंग के दौरान निवेशकों के फंड्स को ब्लॉक कर देती है ताकि लेनदेन पूरी तरह से सुरक्षित और नियमित हो सके।

इससे निवेशक के पैसे को सिर्फ तभी इस्तेमाल किया जा सकता है जब ट्रांजैक्शन पूरा हो जाता है। इस प्रणाली की पेशकश करने के लिए सेबी ने स्टाक ब्रोकरों से सुझाव मांगे हैं कि वे एएसबीए जैसी सुविधा को अनिवार्य रूप से लागू करें।

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