Inflation History: आजादी के बाद कैसी रही महंगाई की चाल? 1947 से बाद कब मिली राहत और किस साल बनी मुसीबत
Inflation History महंगाई हमेशा से ही एक बड़ी मुसीबत रही है। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है। आज हम अपनी रिपोर्ट में आजादी के बाद से लेकर अब तक के महंगाई के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं।
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Mon, 17 Apr 2023 07:00 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। महंगाई का ग्राफ पिछले एक साल से ऊपर बना हुआ है। खाने-पीने की चीजों से लेकर पेट्रोल- डीजल सभी के दाम ऊपरी स्तरों पर बने हुए हैं। सरकार की ओर से महंगाई को कम करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिस कारण बीच-बीच में नरमी के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन इसका असर आम आदमी पर दिखाई नहीं दे रहा है। आइए जानते हैं कि आजादी के बाद भारत में महंगाई क्या हाल रहा है।
आजादी के शुरुआती दौर में महंगाई
1947 में आजादी के बाद 1950 तक भारत में औसत महंगाई की दर 2 प्रतिशत के आसपास थी। 1950 से 60 का दशक उतार-चढ़ाव भरा रहा। यह वह दौर जब भारत नया-नया आजाद हुआ था और सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास कर रही थी।
1960 के दशक में युद्ध के कारण बड़ी महंगाई
1962 में चीन और फिर 1965 में पाकिस्तान से युद्ध लड़ने का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा। इस कारण 1964 से 1967 तक औसत महंगाई दर 10 प्रतिशत के ऊपर रही। सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में बड़े स्तर पर सुधार किए जाने के कारण महंगाई दर दशक के अंत तक एक बार फिर काबू में आ गई।
1970 और 80 के दशक में महंगाई
कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण 1970 का दशक काफी उथल-पुथल भरा रहा। इस कारण 1973-74 के बीच महंगाई आजाद भारत में पहली बार 20 प्रतिशत के स्तर को पार गई थी। हालांकि, दशक के अंत तक एक बार भी 7 प्रतिशत के नीचे महंगाई दर आ गई थी। वहीं, 1980 में राजकोषीय घाटे में वृद्धि होने के कारण महंगाई दर ऊपरी स्तरों पर पहुंच गई थी।