जिलों से निर्यात प्रोत्साहन के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ सहभागिता की पहल शुरू, MSME को मिलेगा का मंच
जिला स्तर पर छोटे-छोटे उद्यमियों को निर्यात के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने ई कामर्स कंपनियों के साथ सहभागिता की पहल की है। डीजीएफटी के मुताबिक इन कंपनियों की मदद से जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब की स्थापना होगी जिससे पहली बार निर्यात करने वाले व अन्य एमएसएमई उत्पादकों को निर्यात संबंधित प्रोत्साहन मिलेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जिला स्तर पर छोटे-छोटे उद्यमियों को निर्यात के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने ई-कामर्स कंपनियों के साथ सहभागिता की पहल की है। इस दिशा में सबसे पहले विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय ई-कामर्स कंपनी अमेजन से करार किया है। इसके अलावा फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट, ईबे, रिवेक्सा, शॉपक्लूज, शिपरॉकेट व डीएचएल एक्सप्रेस जैसी कंपनियों के साथ करार के लिए गंभीर बातचीत चल रही है।
डीजीएफटी के मुताबिक, इन कंपनियों की मदद से जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब की स्थापना होगी जिससे पहली बार निर्यात करने वाले व अन्य एमएसएमई उत्पादकों को निर्यात संबंधित प्रोत्साहन मिलेगा। इससे वर्ष 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर के वस्तु निर्यात के लक्ष्य को पाना आसान होगा।
75 जिलों में आयोजित होंगे प्रशिक्षण कार्यक्रम
मंत्रालय के मुताबिक, अमेजन और डीजीएफटी चरणबद्ध तरीके से एक्सपोर्ट हब के हिस्से वाले 75 जिलों में एमएसएमई के लिए जागरूकता सत्र और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इसके तहत उद्यमियों को उनके उत्पादों की डिजिटल कैटलॉगिंग, इमेजिंग अपलोड करने एवं कर संबंधित प्रशिक्षण दिए जाएंगे। इससे भारतीय उद्यमी अपने ई-कॉमर्स निर्यात व्यवसाय और वैश्विक ब्रांड को स्थापित कर सकेंगे।
...तो इस प्रकार से होगा एक्सपोर्ट हब का निर्माण
ई-कामर्स कंपनियों की मदद से छोटे उद्यमियों को आसानी से विदेशी बाजार में प्रवेश मिल जाएगा, क्योंकि ये कंपनियां विभिन्न देशों में कारोबार करती हैं। एक्सपोर्ट हब से जुड़े जिलों के उत्पाद व उत्पादकों की खासियत का लाभ उठाते हुए उन्हें वैश्विक सप्लाई चेन से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। तभी जिला स्तर पर वास्तविक रूप से एक्सपोर्ट हब का निर्माण हो सकेगा। इस काम के लिए सरकार पहले ही वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की पहचान का काम पूरा करवा चुकी है।