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चुनावी नतीजे आने तक बाजार में अस्थिरता संभव, लंबे समय के निवेश के लिए काफी सुरक्षित है भारतीय इकोनॉमी

यह रिपोर्ट निफ्टी 50 के मानक पर तैयार की गई है। इसके मुताबिक वर्ष 2004 के चुनाव के पहले के छह महीनों में शेयर बाजार में 10.5 फीसद का रिटर्न मिला था। उस वर्ष चुनाव के बाद के छह महीनों में रिटर्न 8.6 फीसद की रही है। इसके बाद के 2014 के आम चुनाव के पहले छह महीनों में रिटर्न 36.9 फीसद मिला।

By Jagran News Edited By: Praveen Prasad Singh Updated: Thu, 14 Mar 2024 08:55 PM (IST)
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वर्ष 2019 में भी आम चुनाव हुए थे, तब पहले के छह महीनों का रिटर्न 18.9 फीसद का था।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले दो दिनों में शेयर बाजार में जिस तरह की अस्थिरता देखी गई है वह मई-जून, 2024 तक बनी रह सकती है। दरअसल आम चुनाव के परिणाम आने तक बाजार में अस्थिरता बनी रही सकती है। यह बात शेयर बाजार पर शोध करने वाली एजेंसी वैल्यू स्टाक ने गुरुवार को जारी अपनी एक अध्ययन रिपोर्ट में कही है।

रिपोर्ट के मतुाबिक भारतीय इकोनॉमी के आधारभूत तत्व बेहद मजबूत हैं लिहाजा मौजूदा अस्थिरता के बावजूद अगर लंबे समय तक यहां निवेश करना है तो वह काफी सुरक्षित है। यह रिपोर्ट पिछले चार आम चुनावी सालों के दौरान शेयर बाजार के प्रदर्शन और आम निवेशकों के रिटर्न की तस्वीर पेश करती है।

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चुनावी साल में हासिल हुआ बेहतर रिटर्न

यह बताता है कि हर चुनावी साल में आम निवेशकों को दूसरे वर्षों के मुकाबले बेहतर रिटर्न हासिल हुआ है। यह बात भी सामने आती है कि वर्ष 2009 के आम चुनाव के बाद निवेशकों के रिटर्न का स्तर कम हुआ है। देखना है कि मौजूदा चुनावी साल (2024) में क्या स्थिति रहती है।

निफ्टी 50 के मानक पर तैयार की गई रिपोर्ट

यह रिपोर्ट निफ्टी 50 के मानक पर तैयार की गई है। इसके मुताबिक वर्ष 2004 के चुनाव के पहले के छह महीनों में शेयर बाजार में 10.5 फीसद का रिटर्न मिला था। उस वर्ष चुनाव के बाद के छह महीनों में रिटर्न 8.6 फीसद की रही है। इसके बाद के 2014 के आम चुनाव के पहले छह महीनों में रिटर्न 36.9 फीसद जबकि चुनाव के बाद के छह महीनों में 36.1 फीसद का रिटर्न मिला है।

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वर्ष 2019 में भी आम चुनाव हुए थे, तब पहले के छह महीनों का रिटर्न 18.9 फीसद का था और बाद के छह महीनों का रिटर्न 2.2 फीसद रहा था। इस तरह से पिछले चार आम चुनावी साल में एक साल में निवेशकों के रिटर्न की बात कहें तो यह क्रमश: 19.9 फीसद, 86.3 फीसद, 38.4 फीसद और 13.2 फीसद रहा है।