देश के उत्पादन में महिलाओं को मजबूती से जोड़ने की मंशा, ब्याज दर से 'महिला सम्मान बचत पत्र' योजना की घोषणा
महिलाओं के लिए अधिक ब्याज दर पर लघु अवधि की लघु बचत योजना भी लोकलुभावन योजना है जो आने वाले चुनावी वर्ष में सरकार को राजनीतिक लाभ दे सकती है। बता दें कि एशिया के प्रमुख देशों में कामकाजी महिलाओं की एक बड़ी भागीदारी है। (जागरण-फोटो)
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 01 Feb 2023 11:53 PM (IST)
नई दिल्ली, माला दीक्षित। मोदी सरकार को चुनने में महिला मतदाताओं की अच्छी भागीदारी है। सरकार भी यह भलीभांति जानती है और इसलिए इस सरकार में महिलाओं को हमेशा तरजीह दी गई। पहले हाशिये पर रहीं महिलाओं को विभिन्न योजनाएं लाकर सुविधा, स्वास्थ्य और सम्मान देकर आत्मनिर्भर गरिमापूर्ण जीवन दिया और अब उसी आधी आबादी को देश के उत्पादन से जोड़कर आर्थिक विकास की सीढिय़ां चढ़ने की तैयारी की जा रही है।
श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी
अभी स्वयं सहायता समूहों के जरिये श्रम बाजार में महिलाओं की अच्छी खासी भागीदारी है। सरकार अब इन्हें बड़े उत्पादन उद्योगों में परिवर्तित कर पेशेवर तरीके से संचालित करेगी। वित्तमंत्री ने बुधवार को पेश बजट में इसका प्रस्ताव किया है, यानी आने वाले दिनों में देश में चल रहे 81 लाख स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) बड़े उद्योगों का रूप लेकर देश के आर्थिक विकास में कंधे से कंधा मिला कर चलते दिखें तो कोई अचरज की बात नहीं होगी।
'महिला सम्मान बचत पत्र' योजना
सरकार की इस दूरदर्शी सोच से आने वाले दिनों में न सिर्फ महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण होगा और उनमें उद्यमशीलता का विकास होगा बल्कि मौजूद संसाधनों और महिला श्रम की हिस्सेदारी का देश की प्रगति में बेहतर इस्तेमाल होगा। इतना ही नहीं सरकार ने बजट में अधिक ब्याज दर पर महिलाओं के लिए आजादी के अमृत महोत्सव पर 'महिला सम्मान बचत पत्र' योजना की भी घोषणा की है।मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट है। ऐसे में जाहिर है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम और उद्यमशील बनाकर सरकार महिला वोट बैंक का गणित भी साध रही है।
महिलाओं के सशकतीकरण पर सरकार का फोकस
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में जिन चार चीजों पर ध्यान केंद्रित किया है उसमें महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण पहले नंबर पर है। उसमें भी अबकी बार सरकार का ध्यान ग्रामीण महिला श्रम बल की भागीदारी पर है। बजट भाषण में वित्तमंत्री ने कहा कि दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण महिलाओं को 81 लाख स्वयं सहायता समूहों से जोड़ कर असाधारण कामयाबी हासिल की है।सरकार इन समूहों को बड़े उत्पादन उद्यमों या समूहों में गठित करेगी, जिनमें से प्रत्येक में कई हजार सदस्य होंगे और उन्हें पेशेवर तरीके से संचालित किया जाएगा। इस गठन के माध्यम से उन्हें आर्थिक सशक्तीकरण के अगले चरण तक पहुंचने में सक्षम बनाया जाएगा।
ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए सहायता देगी सरकार
सरकार स्वयं सहायता समूह को कच्चे माल की आपूर्ति के साथ उनके उत्पादनों की बेहतर डिजाइन, गुणवत्ता, ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए उन्हें सहायता देगी। सहायक नीतियों के साथ उन्हें इस बात के लिए सक्षम बनाया जाएगा कि वे बड़े उपभोक्ता बाजारों में सेवा देने के लिए अपने संचालन का दायरा बढ़ाएं। बजट में सरकार ने जो प्रस्ताव पेश किया है वह स्वयं सहायता समूह के जरिये रोजगार से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को उद्यमी बनाने का है। आने वाले दिनों में इनका देश के उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान होगा और आर्थिक विकास की राह आसान होगी।