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वर्ष 2024 के अंत तक ब्याज में कटौती संभव, अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों की भी बदली सोच

कई विशेषज्ञों ने हाल ही में इस बात को लेकर उम्मीद जताई है कि अगले वित्त वर्ष के अंत तक ब्याज दरों में कटौती की संभावना बन रही है। केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी हाल में उम्मीद जताई थी कि कुछ महीनों में ब्याज दरों में कटौती होगी जिससे कर्ज सस्ते होंगे। आइए पूरी डिटेल जान लेते हैं।

By Jagran News Edited By: Ram Mohan Mishra Updated: Thu, 14 Mar 2024 07:31 PM (IST)
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वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में ब्याज दरों में कटौती संभव: फिच

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लगातार दो तिमाहियों के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर अप्रत्याशित तौर पर आठ फीसद से ज्यादा रहने के बाद अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों की सोच बदल गई है। मूडीज के बाद अब एक और प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि भारत वर्ष 2024-25 में सात फीसद की विकास दर हासिल कर लेगा। आइए, पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।

इंडियन इकोनॉमी की रफ्तार कायम  

कोविड काल के बाद भारत लगातार तेज आर्थिक विकास दर हासिल करने वाला दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में इकलौता देश होगा। इसके साथ ही फिच रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा है कि वर्ष 2024 की अंतिम छमाही (जुलाई से दिसंबर, 2024) में आरबीआइ की तरफ से ब्याज दरों में 0.50 फीसद की कटौती की भी जा सकती है।

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 ब्याज दरों में कटौती की संभावना

कई विशेषज्ञों ने हाल ही में इस बात को लेकर उम्मीद जताई है कि अगले वित्त वर्ष के अंत तक ब्याज दरों में कटौती की संभावना बन रही है। केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी हाल में उम्मीद जताई थी कि कुछ महीनों में ब्याज दरों में कटौती होगी जिससे कर्ज सस्ते होंगे। फिच की रिपोर्ट ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर 7.8 फीसद रहेगी।

यह केंद्र सरकार की तरफ से 7.6 फीसद की आर्थिक विकास दर के अनुमान से भी ज्यादा है। तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर, 2024 में भारतीय इकोनमी ने 8.4 फीसद की छलांग लगाई है। इसकी वजह से सरकारी एजेंसियों के साथ ही विदेशी आर्थिक एजेंसियां भी विकास दर के अनुमान में संशोधन कर रही हैं।

सदन रहे कि जब वित्त वर्ष की शुरुआत हुई थी तब विकास दर के 6.5 फीसद के करीब ही रहने का अनुमान लगाया गया था।

वैश्विक अर्थव्यवस्था भी सुधरेगी 

फिच की इस रिपोर्ट का एक संदेश यह भी है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति वर्ष 2024 में अनुमान से बेहतर होगी। क्योंकि इसने वैश्विक ग्रोथ रेट को 0.3 फीसद बढ़ा कर 2.4 फीसद कर दिया है। यह सुधार चीन के आर्थिक विकास दर के अनुमान को 4.6 फीसद से घटा कर 4.5 फीसद करने के बावजूद हुआ है।दरअसल, अमेरिका की विकास दर उम्मीद से बेहतर रहने वाली है, इससे चीन की इकोनमी में गिरावट का असर नहीं होगा।

रूस और ब्राजील की इकोनॉमी का प्रदर्शन भी उम्मीद से बेहतर रहने की उम्मीद है। ब्रिटेन, जर्मनी जैसे यूरोपीय देशों में अभी मंदी है लेकिन फिच का कहना है कि इनकी अर्थव्यवस्था में भी अगले वर्ष 2025 में सुधार होगा। भारत के बारे में फिच का कहना है कि घरेलू निवेश और मांग बढ़ने से इकोनमी को सबसे ज्यादा समर्थन मिलेगा।

क्रिसिल ने जून में ही जताई थी कटौती की संभावना 

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की तरफ से गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में जून, 2024 में आरबीआइ की मौद्रिक नीति समीक्षा में ही ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के राजकोषीय संतुलन की स्थिति ठीक है लेकिन आरबीआइ संभवत: कुछ दिन और महंगाई की स्थिति पर नजर रखेगा। क्रिसिल ने आर्थिक विकास दर के वर्ष 2024-25 में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 7.6 प्रतिशत रहने की बात कही है।

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