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जमा पर ब्याज दरें चरम पर हैं, मध्यम अवधि में नीचे आने की उम्मीद: एसबीआई चेयरमैन

SBI के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा है कि जमा पर ब्याज दरें अपने चरम पर हैं और मध्यम अवधि में इनके नीचे आने की उम्मीद है। खारा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अक्टूबर से शुरू होने वाली तीसरी तिमाही में शायद मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत की ओर बढ़ने की कुछ संभावना होगी। आइए पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।

By Agency Edited By: Ram Mohan Mishra Updated: Wed, 12 Jun 2024 09:20 PM (IST)
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एसबीआइ चेयरमैन ने कहा कि जमा पर ब्याज दरें चरम पर हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा है कि जमा पर ब्याज दरें अपने चरम पर हैं और मध्यम अवधि में इनके नीचे आने की उम्मीद है। देश के सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंक ने यह भी कहा कि आरबीआइ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से ब्याज दर चक्र को आसान बनाना शुरू कर सकता है।

मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना 

पिछले सप्ताह आरबीआइ ने मजबूत आर्थिक वृद्धि के बीच मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करते हुए लगातार आठवीं बार रेपो रेट को यथावत रखा था। खारा ने कहा-

हमें उम्मीद है कि अक्टूबर से शुरू होने वाली तीसरी तिमाही में शायद मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत की ओर बढ़ने की कुछ संभावना होगी और वह सही समय होगा जब हम आरबीआइ से नीतिगत दर में कुछ कटौती की उम्मीद कर सकते हैं।

वैश्विक स्थिति 

स्विट्जरलैंड, स्वीडन, कनाडा और यूरो क्षेत्र जैसी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के कुछ केंद्रीय बैंकों ने वर्ष 2024 के दौरान दरों को कम करने का चक्र शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की बाजार उम्मीदें, जो पहले अधिक थीं, अब कम हो गई हैं।