इस आर्टिकल में हम आपको उन कारकों के बारे में बताएंगे जिसने वित्तीय तौर पर लोगों की जिंदगी को आसान बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
आसान हुआ निवेश
अगर हम पिछले दशक की बात करें तो उस समय शेयर बाजार (Share Market) में निवेश करना काफी मुश्किल था। हालांकि, अब यह काफी आसान हो गया है। निवेश सेविंग (Saving) को बढ़ाने में काफी मदद करता है।अगर शेयर मार्केट में सही तरीके से निवेश करें तो यह रंक को राजा बना सकता है। वहीं, एक गलती से राजा भी रंक बन सकता है।
शेयर बाजार में निवेश (Investment) के लिए डायरेक्ट स्टॉक के साथ अब बॉन्ड (Bond), म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में भी निवेश कर सकते हैं। अब अपने मोबाइल फोन में डीमैट अकाउंट (Demat Account) ओपन करके आसानी से ट्रेडिंग कर सकते हैं। वर्तमान में भारतीय बाजार के साथ हम विदेश में भी निवेश कर सकते हैं।डिजिटलीकरण (Digitalisation) ने भी निवेश के कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को बढ़ाने में मदद की है। निवेश को बढ़ावा देने और बचत को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा भी अहम कदम उठाया जा रहा है।
सरकार ने कई निवेश स्कीम शुरू की है। इन स्कीम में निवेश करके अच्छा रिटर्न भी पाया जा सकता है। इसके अलावा यह जरूरत के समय भी काम आता है।
डिजिटल पेमेंट ने बदली दुनिया
कहीं भी कितने रुपये की जरूरत है तो अब बैंक खुलने का इंतजार नहीं करना होता है। हम चंद सेकेंड में यूपीआई (UPI) के जरिये ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) कर सकते हैं। देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में यूपीआई का अहम रोल है।
वर्तमान में यूपीआई भारत का परचम पूरी दुनिया में फैला रहा है। विदेश में भी हम यूपीआई के जरिये पेमेंट कर सकते हैं।अगर देश में डिजिटल पेमेंट की बात करें तो अब 10 रुपये के सामान के लिए भी हम यूपीआई पेमेंट कर सकते हैं। यह ऑनलाइन पेमेंट के साथ ग्राहक को रिवॉर्ड्स, कैशबैक आदि कई लाभ देता है। भारत में पटरी वाले से लेकर बड़े होटल तक में यूपीआई ने पहुंच गया है।यूपीआई के साथ ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) ने भी डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) को बढ़ावा देने में मदद की है। अब हम नेट बैंकिंग (Net Banking) यानी ऑनलाइन बैंकिंग के जरिये आसानी से बिना बैंक गए दूसरे बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। ऐसे में हम बैंक जाकर फॉर्म सबमिट करने की टेंशन नहीं होती है।
इंस्टेंट लोन ने बनाया लाइफ आसान
एक समय था जब लोन (Loan) लेने से कई लोग डरते थे, लेकिन अब लोन लेना आसान हो गया। अब हमें गाड़ी, घर या फिर खुद का बिजनेस शुरू करना है तो हम आसानी से लोन ले सकते हैं। इसके अलावा पहले की तुलना में लोन की प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। अब इंस्टेंट लोन (Instant Loan) मिल जाता है।
आसान भाषा में कहे तो हम अगर पॉकेट में पैसे नहीं है तब भी हम आसानी से लोन ले सकते हैं। अब बैंक और कई वित्तीय संस्था लोन की सुविधा देती है। ऐसे में जहां एक समय आपात स्थिति में कर्ज के लिए हमें रिश्तेदार पर डिपेंड रहने पड़ता था या फिर जमीन, ज्वेलरी बेचनी पड़ती थी, लोन के बाद हमें इन सब से छुटकारा मिल गया।
डिजिटल रुपी ने दी सहुलियत
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ई-रुपी (
E-Rupee) लॉन्च किया है। ई-रुपी डिजिटल करेंसी (Digital Payment) है। अब जहां ऑटो या फिर कहीं सफर करने के लिए हमें खुले पैसे की जरूरत होती थी।
अब डिजिटल करेंसी ने इस समस्या को खत्म कर दिया है। अब हम डिजिटल करेंसी की मदद से 1 रुपये तक का भुगतान कर सकते हैं। डिजिटल रुपी ने कैश रखने की परेशानी को भी एक हद तक खत्म किया है। इसके अलावा इसकी मदद से अब वित्तीय लेनदेन भी आसान हो गया है।
इंश्योरेंस का भी है अहम रोल
वर्तमान में इंश्योरेंस (
Insurance) का अपना अहम रोल है। लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance), हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance), कार इंश्योरेंस (Car Insurance), ट्रैवल इंश्योरेंस (Travel Insurance) जैसे कई इंश्योरेंस ने हमारे वित्तीय बोझ को कम किया है।
इसके साथ ही यह हमें एक सिक्योरिटी भी दी है। उदाहरण के तौर पर एलआईसी की टैगलाइन है जीवन के साथ भी, जीवन के बाद भी।इससे साफ पता चलता है कि इंश्योरेंस हमारे साथ हमारे पूरे परिवार को सिक्योर करता है। आपात स्थिति में पड़ने वाले पैसे की जरूरत को कम करने में भी इंश्योरेंस की भूमिका है। इसके अलावा यह हमारे भविष्य की चिंताओं को कम करने में मदद करता है।उदाहरण के तौर पर कोई भी बीमारी कभी बता कर नहीं आती है। ऐसे में अगर हमारे पास हेल्थ इंश्योरेंस होता है तो यह हमारे मेडिकल एक्सपेंस को कम करने में सहायता करता है।