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तीन दिन की गिरावट में निवेशकों के 22 लाख करोड़ खाक, अब शेयर मार्केट में आगे क्या?

शुक्रवार और सोमवार की तेज गिरावट के बाद भारतीय शेयर मार्केट ने मंगलवार को एशियाई बाजारों की तरह वापसी करने की कोशिश की। शुरुआती कारोबार में अच्छी तेजी भी दिखी। लेकिन बाद में मुनाफावसूली के चलते इसमें गिरावट आई। निवेशक येन में तेजी कमजोर अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव पर नजर रख रहे हैं। अगर वैश्विक संकेत सकारात्मक रहते हैं तो बाजार में तेजी का माहौल बनेगा।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 06 Aug 2024 07:35 PM (IST)
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सोमवार को सेंसेक्स 2,222.55 अंक यानी 2.74 फीसदी गिरकर 78,759.40 पर बंद हुआ था।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में मंदी की आहट और जापान में ब्याज दरों में इजाफे ने दुनियाभर के शेयर मार्केट में भूचाल ला दिया। भारत का स्टॉक मार्केट भी इससे अछूता नहीं रहा। तीन दिन की गिरावट में निवेशकों की संपत्ति 22 लाख करोड़ रुपये घट गई। बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स की बात करें, तो यह 4 फीसदी टूटा है।

तीन दिन में 3,274.48 अंक टूटा सेंसेक्स

सेसेंक्स 1 अगस्त को 82,129.49 के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। उसके बाद इसे अमेरिका और जापान की नजर लगी और यह 3,274.48 अंक यानी 3.99 फीसदी टूट गया। बीएसई-सूचीबद्ध फर्मों का बाजार पूंजीकरण तीन कारोबारी दिनों में 22,02,996.27 करोड़ रुपये घटकर 4,39,59,953.56 करोड़ रुपये (5.24 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) पर आ गया।

सोमवार को सेंसेक्स 2,222.55 अंक यानी 2.74 फीसदी गिरकर 78,759.40 पर बंद हुआ था। दिन के कारोबार के दौरान यह 2,686.09 अंक यानी 3.31 प्रतिशत गिरकर 78,295.86 पर आ गया। मंगलवार को बेंचमार्क 166.33 अंक या 0.21 प्रतिशत गिरकर 78,593.07 पर बंद हुआ। हालांकि, दिन के कारोबार में इसमें 1,092.68 अंक यानी 1.38 प्रतिशत की तेजी आई थी।

मार्केट की गिरावट पर एक्सपर्ट की राय

मेहता इक्विटीज लिमिटेड में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा, "अमेरिका और यूरोपीय इक्विटी में नकारात्मक भावना बनी रही। इसका असर स्थानीय बाजारों पर भी पड़ा। बैंकिंग, टेलिकॉम और ऑटो शेयरों में मुनाफावसूली के कारण सूचकांकों में भारी गिरावट आई। शुरुआती कारोबार में 1,000 से अधिक अंक चढ़ने के बाद बाजार में तेजी से गिरावट आई और यह लाल निशान में चला गया।"

इससे पहले सोमवार को जापानी और अन्य वैश्विक बाजारों में तेज गिरावट ने दलाल स्ट्रीट पर कहर बरपाया। साथ ही, कमजोर रोजगार आंकड़ों ने निवेशकों में अमेरिकी बाजार में संभावित मंदी की आशंका पैदा कर दी।

बाकी एशियाई मार्केट में तेजी, भारत में मुनाफावसूली

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, "भारतीय शेयर बाजार ने एशियाई बाजारों की तरह वापसी करने की कोशिश की। शुरुआती कारोबार में वह सफल भी रहा। लेकिन, फिर मुनाफावसूली के चलते इसमें गिरावट आई और निफ्टी 24,000 के सीमा स्तर से नीचे बंद हुई। निवेशक येन में तेजी, कमजोर अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव पर नजर रख रहे हैं।"

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, "सोमवार की गिरावट के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। यह आखिर में मिले-जुले संकेतों के बीच मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। शुरुआत में वैश्विक सूचकांकों में सुधार ने बढ़त को बढ़ावा दिया, लेकिन खास तौर पर बैंकिंग क्षेत्र में दिग्गज शेयरों पर दबाव के कारण बढ़त खत्म हो गई।"

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