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IOC, BPCL, HPCL: सरकारी सब्सिडी के बाद भी घाटे में तेल कंपनियां, ये है नुकसान की वजह

IOC BPCL HPCL केंद्र सरकार की ओर से 22000 करोड़ रुपये की सहायता मिलने के बाद सरकारी तेल वितरक कंपनियों को घाटा हुआ है। सितंबर तिमाही के नतीजों में IOC को 272 करोड़ रुपये BPCL को 304 करोड़ रुपये और एचपीसीएल को 2172 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।

By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Tue, 08 Nov 2022 03:33 PM (IST)
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IOC, BPCL, HPCL accured loss due to this reason
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकारी तेल वितरक कंपनियों जैसे इंडियन आयल (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) ने लगातार दूसरी तिमाही में नुकसान दर्ज किया है। कच्चे तेल की कीमत उच्च स्तर पर होने के कारण तीनों कंपनियों को जुलाई- सितंबर तिमाही में 2,749 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इनमें से सबसे अधिक नुकसान एचपीसीएल की ओर से दर्ज किया गया है।

कंपनियों की ओर से शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया गया कि ये नुकसान पेट्रोल, डीजल और घरेलू सिलेंडर पर मार्जिन कम होने के कारण हुआ है।

कंपनियों को मिली 22,000 करोड़ की सब्सिडी

केंद्र सरकार की ओर से दूसरी तिमाही में तेल कंपनियों को घरेलू सिलेंडर की बिक्री पर हो रहे घाटे की भरपाई करने के लिए 22,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी। सरकार तेल वितरक कंपनियां पिछले दो साल से लागत से कम दाम पर घरेलू सिलेंडर बेंच रही हैं। वहीं, पिछले सात महीनों से इन कंपनियों के द्वारा पेट्रोल डीजल की कीमत में इजाफा नहीं किया गया है।

किस कंपनी ने कितना दर्ज किया घाटा?

इंडियन आयल के द्वारा 29 अक्टूबर को जारी किए गए नतीजों में बताया था कि कंपनी ने जुलाई- सितंबर तिमाही में 272 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है, जो कि पिछली तिमाही में 1995 करोड़ रुपये था।

बीपीसीएल के द्वारा 7 नवंबर को घोषित किए गए तिमाही नतीजों में बताया गया कि कंपनी को जुलाई- सितंबर तिमाही में 304 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जो कि अप्रैल- जून तिमाही में 6,263 करोड़ रुपये था।

एचपीसीएल के द्वारा 3 नवंबर को घोषित किए गए तिमाही नतीजों में जानकारी दी गई कि कंपनी को सितंबर तिमाही में 2,172 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जो कि अप्रैल-जून तिमाही में 10,196 करोड़ रुपये हुआ था।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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