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IOC Q1 Result: इंडियन ऑयल ने कमाया 10 साल में सबसे ज्यादा मुनाफा, कंपनी का नेट प्रॉफिट 13750 करोड़ के पार

देश की सबसे बड़ी तेल कंपनियों में से एक भारतीय पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (IOC) ने आज वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए। नतीजों के मुताबिक IOC ने जून में समाप्त तीन महीनों के लिए 13750.44 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया जो 10 वर्षों में सबसे अधिक है। इसके अलावा कंपनी का परिचालन से राजस्व घटा है। पढ़िए पूरी खबर।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Fri, 28 Jul 2023 06:19 PM (IST)
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IOC Q1 Result: Indian Oil earned the highest profit in 10 years
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: देश की बड़ी तेल कंपनियों में से एक इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने आज वित्त वर्ष 24 के पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। नतीजों के मुताबिक आईओसी को 30 जून तक तीन महीनों में 13,750.44 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ है जो 10 साल में सबसे ज्यादा है।

पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में हुआ था घाटा

IOC ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि कंपनी का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट 13,750.44 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 1,992.53 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

37 प्रतिशत ज्यादा रहा प्रॉफिट

प्रॉफिट पिछली तिमाही के 10,058.69 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट से लगभग 37 प्रतिशत अधिक था और 2021-22 (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में दर्ज कंपनी की अब तक की सबसे अच्छी 24,184.10 करोड़ रुपये की वार्षिक कमाई के आधे से अधिक था।

आईओसी ने जनवरी-मार्च 2013 में 14,513 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जब उसे उन तीन महीनों के दौरान एक तिमाही से अधिक समय तक ईंधन सब्सिडी मिली।

पिछले साल से रिवाइज नहीं हुए तेल के दाम

आपको बता दें कि पिछले साल से आईओसी, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने घरेलू उपभोक्ताओं को बढ़ती अंतरराष्ट्रीय तेल दरों से राहत देने के लिए तेल के दाम को रिवाइज नहीं किया है जिसके कारण तीनों को न केवल अप्रैल-जून 2022 में बल्कि उसके बाद की तिमाही में भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था।

परिचलन से घटा राजस्व

तेल की कीमतों में गिरावट से आईओसी का परिचालन से राजस्व 2.36 प्रतिशत गिरकर 2.21 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं IOC का EBITDA 44.5 प्रतिशत बढ़कर 15,340 करोड़ रुपये से 22,163 करोड़ रुपये हो गया है।

जून में 18 मिलियन टन से अधिक किया कच्चा तेल रिफाइन

फाइलिंग में कहा गया है कि कंपनी ने 30 जून को समाप्त तिमाही के दौरान कच्चे तेल के प्रत्येक बैरल को ईंधन में बदलने पर 8.34 अमेरिकी डॉलर कमाए, जबकि पिछले साल की समान अवधि में सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) 31.81 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था।

अप्रैल-जून 2023 की अवधि के लिए कोर जीआरएम या वर्तमान मूल्य जीआरएम, इन्वेंट्री हानि/लाभ की भरपाई के बाद 9.05 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

आईओसी ने कहा कि पहली तिमाही में ईंधन की बिक्री एक साल पहले के 21.2 मिलियन टन से बढ़कर 21.8 मिलियन टन हो गई। इसकी रिफाइनरियों ने 18.26 मिलियन टन कच्चे तेल का रिफाइन किया, जो अप्रैल-जून 2022 में 17.59 मिलियन टन से अधिक है।