IPO Fundraising: बीते वित्त वर्ष में 76 कंपनियों ने 62 हजार करोड़ रुपये जुटाए
पेंटोमैथ फाइनेंशियल सर्विसेज समूह की एक रिपोर्ट के अनुसार बीते वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न क्षेत्र की कंपनियों ने आइपीओ के जरिये पैसा जुटाया है। पारंपरिक रूप से प्रभावशाली वित्तीय क्षेत्र ने संयमित रहते हुए 9655 करोड़ रुपये जुटाए हैं जो पूरे वित्त वर्ष की कुल राशि के पांचवें हिस्से से भी कम है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान आइपीओ का पहले दिन का औसत लाभ 29 प्रतिशत रहा है।
पीटीआई, नई दिल्ली। खुदरा निवेशकों की मजबूत भागीदारी और संस्थागत निवेशकों के दमदार निवेश की बदौलत बीते वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 76 कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिये 62 हजार करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह राशि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 19 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 37 कंपनियों ने 52,115 करोड़ रुपये जुटाए थे।
पेंटोमैथ फाइनेंशियल सर्विसेज समूह की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न क्षेत्र की कंपनियों ने आइपीओ के जरिये पैसा जुटाया है। हालांकि, पारंपरिक रूप से प्रभावशाली वित्तीय क्षेत्र ने संयमित रहते हुए 9,655 करोड़ रुपये जुटाए हैं जो पूरे वित्त वर्ष की कुल राशि के पांचवें हिस्से से भी कम है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान आईपीओ के जरिये जुटाई गई कुल राशि में वित्तीय क्षेत्र की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत थी।
बीते वित्त वर्ष में टेक्नोलाजी क्षेत्र से केवल तीन कंपनियां यात्रा, मामाअर्थ और जैगल के आईपीओ बाजार में आए। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान आइपीओ का पहले दिन का औसत लाभ 29 प्रतिशत रहा है जो इससे पिछले वित्त वर्ष में नौ प्रतिशत था। पूरे वित्त वर्ष के दौरान आए सभी आइपीओ में से 70 प्रतिशत से अधिक या 55 कंपनियों के शेयर अपने इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहे हैं।
बीते वित्त वर्ष में खुदरा निवेशकों के आवेदनों की औसत संख्या 13 लाख रही है जो इससे पिछले वित्त वर्ष में छह लाख थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि लिस्टिंग के बाद शेयरों के मजबूत प्रदर्शन के चलते खुदरा निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी रही है।ये भी पढ़ें- Digital Transaction: देश में हर महीने हो रहे 43.3 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन: सीतारमण