Understanding IPO: शेयर बाजार में लिस्ट होने के लिए कंपनी लाती हैं आईपीओ? जानिए इसमें कैसे किया जाता है निवेश
How To Invest In IPO शेयर बाजार में निवेश करके अच्छा रिटर्न कमाया जा सकता है। लेकिन यहां निवेश करते समय सतर्क रहना चाहिए। यह एक जोखिम भरा प्लेटफॉर्म है। अक्सर शेयर बाजार में निवेश करते समय आपने Initial Public Offering (IPO) के बारे में सुना होगा। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आईपीओ के बारे में विस्तार से बताते हैं।
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Mon, 09 Oct 2023 08:25 PM (IST)
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Understanding IPO: चालू वित्त वर्ष के पहले 6 महीने में कई कंपनियों ने अपना आईपीओ खोला है। शेयर बाजार में इसका क्रेज बढ़ रहा है। अक्टूबर से मार्च तक में लगभग 20 से ज्यादा कंपनी अपना आईपीओ खोलेगी। जो भी निवेशक शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं वह इसमें निवेश करके अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं। वैसे तो शेयर बाजार काफी जोखिम भरा होता है। इसमें जहां एक ओर ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है वहीं दूसरी तरफ उतना या उससे ज्यादा का नुकसान भी हो सकता है।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए विशेषज्ञों की राय अवश्य लेनी चाहिए। इसके अलावा शेयर बाजार में निवेश करने से पहले उसके बारे में रिसर्च करना चाहिए। शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों ने आईपीओ के बारे में सुना होगा। कई कंपनी अपना आईपीओ निवेशकों के लिए खोलती है और कुछ समय के बाद कंपनी अपने शेयर बाजार के स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होती हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल आता है कि आखिर आईपीओ क्या होता है? वह कैसे काम करता है और बाजार में आईपीओ इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
आईपीओ क्या है?
आईपीओ (IPO) को Initial Public Offering कहा जाता है। यह तब लॉन्च या खोला जाता है जब कोई कंपनी अपने शेयर पब्लिक को ऑफर करती है। इसे आसान भाषा में समझे कि अगर कभी किसी कंपनी को फंड की जरूरत होती है तो वह अपने शेयर पब्लिक के लिए खोलती है और पब्लिक उन शेयर को खरीदती है। कंपनी इसके लिए शेयरों की एक राशि लगाती है।देश में हर सेक्टर में कई कंपनियां होती है। उन कंपनियों को अपने विकास के लिए फंड की जरूरत पड़ती है। इसके लिए कई बार कंपनी छोटा लोन लेती है। वहीं कुछ कंपनी खुद को शेयर बाजार में लिस्ट करती है। यह फंड जमा करने का बेहतर तरीका माना जाता है। कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होने से पहले अपना आईपीओ लॉन्च करती है।कंपनी आईपीओ में जानकारी देती है कि वह कितनी राशि के शेयर खोल रही है। जब निवेशक कंपनी का आईपीओ खरीदते हैं तो निवेशक के पास कंपनी के शेयर आ जाते हैं और कंपनी को फंड मिल जाता है। इसके बाद कंपनी अपने शेयर को मार्केट में लिस्ट करती है। शेयर मार्केट में लिस्ट होने के बाद कंपनी के शेयर को खरीदा या बेचा जा सकता है। निवेशक के जरिये जुटाए गए राशि का इस्तेमाल कंपनी कई कामों के लिए करती है।
आपको बता दें कि जैसे ही कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट होती है तो कंपनी को चलाने में कंपनी के मालिक के साथ निवेशकों का भी हाथ होता है। कंपनी आईपीओ लॉन्च करने से पहले वह इसके लिए परमिशन लेती है और ड्राफ्ट पेपर सेबी (SEBI) को देती है। इस ड्राफ्ट पेपर में कंपनी बताती है कि वह कितने का आईपीओ लाना चाहती है साथ ही वह किस उद्देश्य से आईपीओ ला रही है।
आईपीओ में निवेश कैसे करें
अगर आप भी आईपीओ में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास डीमैट अकाउंट (Demat Account) का होना अनिवार्य है। आप डीमैट अकाउंट किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खुलवा सकते हैं। कंपनी निवेशकों के लिए 3 दिन तक ही अपना आईपीओ खोलती है। आप जिस भी कंपनी के आईपीओ में निवेश करना चाहते हैं आप उनकी वेबसाईट या फिर ब्रोकरेज फर्म की मदद से आईपीओ में निवेश कर सकते हैं।आईपीओ के टर्म्स
आईपीओ में निवेश करने से पहले आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा। जब भी कोई कंपनी अपना आईपीओ खोलती है तो वह आईपीओ की जानकारी देने के लिए कई टर्म्स का उपयोग करती है। आपको इन टर्म्स के बारे में जानकारी होनी चाहिए। यह एक तरह का नियम व शर्त ही होता है।- प्राइस बैंड- यह एक मूल्य की लिमिट होती है जिसमें कोई भी निवेशक बोली लगा सकता है।
- इश्यू प्राइस- यह वह कीमत होती है जिस पर कंपनी के शेयर लिस्ट होने के बाद निवेशकों को अलॉट किया जाता है।
- मिनिमम सब्सक्रिप्शन (Minimum Subscription) – यह एक तरह का लिमिट ही होता है। इतनी लिमिट में ही निवेशक बोली लगा सकते हैं।
- लॉट साइज- लॉट साइज में निवेशक उतने ही शेयर पर बोली लगा सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर कंपनी ने 10 शेयरों का लॉट साइज तय किया है तो निवेशक केवल 10 शेयरों के लिए ही बोली लगा सकते हैं।
- लिस्टिंग डेट- इस टर्म्स से साफ पता चलता है कि यह वो तारीख होती है जब कंपनी के शेयर बाजार के स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- आपको निवेश करने से पहले मैनेजमेंट और प्रमोटर्स के बैकग्राउंड को जरूर चेक करना चाहिए।
- आप कंपनी के वैल्यूएशन के बारे में जरूर जानें
- आपको कंपनी के फाइनेंशियल हेल्थ के बारे में भी जरूर जानना चाहिए। हर कंपनी अपने तिमाही नतीजों का ऐलान करती है।
- आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप कंपनी में कितने समय के लिए निवेश करना चाहते हैं।