अगले हफ्ते खुल रहा है Vaibhav Jewellers का आईपीओ, जानिए प्राइस बैंड से लेकर वैल्यूएशन तक की जानकारी
Vaibhav Jewellers IPO 19 सितंबर 2023 से शुरू होने वाले कारोबारी हफ्ते में वैभव ज्वैलर्स निवेशकों के लिए अपना आईपीओ खोल रहा है। कंपनी ने इस आईपीओ का प्राइस बैंड 204-215 रुपये प्रति शेयर तय किया है। कंपनी इस आईपीओ के जरिये 270 रुपये जुटाने की योजना बना रहे हैं। आइए कंपनी के आईपीओ के बारे में विस्तार से जानते हैं। (जागरण फाइल फोटो)
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Fri, 15 Sep 2023 06:30 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगले कारोबारी हफ्ते वैभव ज्वैलर्स (Vaibhav Jewellers ) का आईपीओ निवेशकों के लिए खुलने वाला है। कंपनी का आईपीओ 22 सितंबर 2023 को खुलेगा। कंपनी ने इस आईपीओ का प्राइस बैंड 204-215 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया है। कंपनी इस आईपीओ के माध्यम से लगभग 270 करोड़ रुपये जुटाने का प्रयास कर रहा है।
यह आईपीओ 26 सितंबर 2023 तक निवेशकों के लिए खुलेगा।ये भी पढ़ें - शेयर मार्केट में क्या होता है FPO और IPO, जानें इनमें क्या है अंतर
आईपीओ का उद्देश्य
कंपनी इस आईपीओ के जरिये जुटाई गई धनराशि का उपयोग 8 नए शोरूम खोलने के लिए करेगी। इसके अलावा नए स्टोरों के लिए इन्वेंट्री और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी। कंपनी इस आईपीओ में 210 करोड़ रुपये तक के नए शेयर जारी करेगी। इस आईपीओ के प्रति शेयर का अंकित मूल्य 10 रुपये है। वहीं, कंपनी 2.8 मिलियन इक्विटी शेयरों को ऑफर फॉर सेल के लिए पेश करेगा।
कंपनी के आईपीओ का बजाज कैपिटल और एलारा कैपिटल (इंडिया) बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं और बिगशेयर सर्विसेज ऑफर के रजिस्ट्रार हैं। इक्विटी शेयरों को बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव है।
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वैभव ज्वैलर्स के बारे में
वैभव ज्वैलर्स दक्षिण भारत का एक क्षेत्रीय आभूषण ब्रांड है। इसके आठ कस्बों और दो शहरों में 13 शोरूम के साथ आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बाजारों में अपनी उपस्थिति रखता है। वित्त वर्ष 2023 में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुल आभूषण बाजार में इसकी बाजार हिस्सेदारी 4 फीसदी है। वहीं , इन दोनों राज्यों में संगठित बाजार (Organised Market) में 10 फीसदी थी। 30 जून को समाप्त तिमाही में कंपनी का परिचालन राजस्व 508.90 करोड़ रुपये और नेट प्रॉफिट 19.24 करोड़ रुपये था। वहीं, वित्त वर्ष 2013 में परिचालन से इसका राजस्व 2,027.34 करोड़ रुपये था, जिसमें मुख्य रूप से सोने के आभूषणों की बिक्री थी।