IRDAI बीमा क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने के लिए लाया प्रस्ताव, अब इक्विटी फंड्स को मिलेगा प्रमोटर बनने का मौका
IRDAI की ओर से एक एक्सपोजर ड्राफ्ट लाया गया है जिसमें प्राइवेट इक्विटी फंड्स को कुछ शर्तों के साथ इंश्योरेंस कंपनियों के प्रमोटर बनने का मौका दिया जाएगा। IRDAI के द्वारा उन्हीं फंड्स से आवेदन को स्वीकार किया जाएगा जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बीमा नियामक भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulator Insurance Regulatory and Development Authority of India - IRDAI) की ओर से जारी एक एक्सपोजर ड्राफ्ट में प्राइवेट इक्विटी फंड्स (Private Equity - PE) को इंश्योरेंस कंपनियों के प्रमोटरों के रूप में कुछ शर्तों के साथ अनुमति देने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें कहा गया कि पीइ फंड्स को अपने ऑपरेशन शुरू करने के 10 साल पूरे होने चाहिए और उनके समूह की संस्थाओं सहित उनके द्वारा जुटाई गई धनराशि 500 मिलियन डॉलर या उससे अधिक होनी चाहिए।
IRDAI ने इंश्योरेंस बिजनेस और इंश्योरेंस कंपनियों में किए जाने वाले निवेश की सीमा, निवेश पर लॉक-इन अवधि और इंश्योरेंस कंपनियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ इच्छुक आवेदकों के लिए उचित मानदंड प्रदान करने के लिए मौजूदा नियमों में संशोधन करने का भी प्रस्ताव दिया है। .
इन शर्तों को पूरा करने पर बन सकते हैं प्रमोटर
एक्सपोजर ड्राफ्ट के अनुसार, इंश्योरेंस कंपनियों में प्राइवेट इक्विटी फंड प्रमोटर या निवेशक की हैसियत से निवेश कर सकते हैं। इसके साथ शर्त यह है कि उसने अपने संचालन के 10 वर्षों को पूरा कर लिए हो और उस फंड या फिर समूह इकाइयों की ओर से 500 मिलियन या उससे अधिक का फंड जुटाया गया हो।
प्रस्ताव में बताया गया है कि बीमा नियामक की ओर से उन्हीं पीइ फंड्स से आवेदन को स्वीकार किया जाएगा, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होगा। इसका आधार यह होगा कि आवेदन करने वाले फंड की पूंजी जुटाने की क्षमता, फेमा के नियमों का पालन, बिजनेस रिकॉर्ड और अनुभव कितना है।
सभी पक्षों से मांगे सुझाव
बीमा नियामक आइआरडीएआइ की ओर से सभी पक्षों से इसे लेकर सुझाव मांगे हैं। सुझाव देने की आखिरी तारीख 3 नवंबर, 2022 है।
ये भी पढ़ें-