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Bitcoin Price: बिटकॉइन में फिर आया बंपर उछाल, साल भर में 200 प्रतिशत बढ़ा भाव, जानिए और कितना बढ़ेंगी कीमतें

नवंबर में रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंचने के बाद बिटकॉइन की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हुई। दुनियाभर में इसे लेकर नियम सख्त होने लगे। भारत में भी 2022 के आम बजट में क्रिप्टो ट्रेडिंग से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत टैक्स लगा दिया गया था। इन सबके चलते क्रिप्टोकरेंसी मार्केट एकदम से डाउन हो गया। लेकिन अब निवेशक फिर से इस डिजिटल एसेट का रुख कर रहे हैं।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 05 Mar 2024 06:03 PM (IST)
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फिर से अपने ऑल टाइम हाई लेवल के करीब पहुंच गई है बिटकॉइन।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया की सबसे मशहूर और बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin) का जादू एक बार फिर लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। पिछले काफी समय से बिटकॉइन की कीमत ढलान पर थी। लेकिन, हाल के दिनों में इसमें काफी तेजी नजर आ रही है।

सोमवार को तो ट्रेड के दौरान बिटकॉइन 68,791 डॉलर के स्तर पर पहुंच गई थी। यह उसके ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड के करीब है, जो उसने 10 नवंबर 2021 को बनाया था।

उस समय बिटकॉइन की कीमत 68,789 डॉलर थी। लेकिन, उसके बाद बिटकॉइन का बुरा दौर शुरू हुआ। रेगुलेटरी अनिश्चितताओं के चलते इसकी प्राइस में लगातार गिरावट आई। जुलाई 2022 में तो बिटकॉइन की कीमत घटकर 20,547.81 डॉलर तक आ गई। 

इसी साल जनवरी की बात करें, तो बिटकॉइन की कीमत 42,034 डॉलर थी। लेकिन, सिर्फ पांच दिनों में इसमें करीब 20 प्रतिशत का उछाल आया और यह 60 हजार डॉलर के स्तर तक पहुंच गई। तभी से यह लगातार उसी स्तर के आसपास बना हुआ है।

हालांकि, मंगलवार को मुनाफावसूली के चलते इसमें गिरावट आई और यह 0.68 प्रतिशत फिसलकर 67,876.60 डॉलर (55,07,277.98 रुपये) पर आ गया।

क्यों चढ़ रहे बिटकॉइन के दाम?

पिछले कुछ समय में अमेरिका में कई बिटकॉइन ETFको मंजूरी मिली है। इससे बिटकॉइन की कीमतों को पंख लग गए हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे जियो-पॉलिटिकल वजहों से निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं, ताकि जोखिम कम हो सके। ऐसे में उन्हें गोल्ड के विकल्प के तौर पर बिटकॉइन जैसे डिजिटल इन्वेस्टमेंट का रुख कर रहे हैं।

कौन खरीद रहा है बिटकॉइन?

ग्रेस्केल, ब्लैकरॉक और फिडेलिटी जैसी निवेश कंपनियां बिटकॉइन में बड़े पैमाने पर निवेश बढ़ा रही है। उन्होंने इस डिजिटल एसेट को खरीदने में अरबों डॉलर खर्च किए हैं।

अगर पिछले कुछ हफ्तों की बात करें, तो इन वित्तीय संस्थानों ने इतना बिटकॉइन खरीदा है कि ये बिटकॉइन व्हेल्स की कैटेगरी में आ गए हैं। यह टर्म उनके लिए इस्तेमाल की जाती है, जिनके डिजिटल वॉलेट में 10 हजार से अधिक बिटकॉइन होते हैं।

कितने बढ़े हैं बिटकॉइन के दाम?

क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों पर नजर रखने वाली CoinMarketCap के अनुसार, पिछले एक साल के दौरान बिटकॉइन की कीमतों में करीब 196 प्रतिशत का उछाल आया है। वहीं, 2024 में इसकी वैल्यू करीब 40 फीसदी बढ़ी है।

बिटकॉइन के पास आधे मार्केट शेयर

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बिटकॉइन का ही दबदबा है। इसके पास इंडस्ट्री की आधे से अधिक हिस्सेदारी है। यह दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी है, जो 2009 में पेश की गई थी। साल 2010 में इसकी प्राइस सिर्फ 0.008 डॉलर थी। मतलब कि उस जमाने में आप एक डॉलर में 125 बिटकॉइन खरीद सकते थे। अगर आपने यह सौदा कर लिया होता, तो आज आपके निवेश की वैल्यू 81 लाख डॉलर यानी 70 करोड़ रुपये के आसपास होती।

अप्रैल 2011 में बिटकॉइन की कीमत एक डॉलर थी। अप्रैल 2013 में इसका भाव 220 डॉलर तक पहुंच गया। जून 2019 में बिटकॉइन ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और इसकी कीमत 10 हजार डॉलर के पास पहुंच गई। फिर जनवरी 2021 में इसने 40 हजार डॉलर टच किया और उसी साल नवंबर में अपने ऑल टाइम लेवल पर भी पहुंची।है।