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बैंकिंग सिस्टम में घट रहा कैश, क्या ये चिंता की बात है?

बैंकिंग सिस्टम में नकदी 2.86 लाख करोड़ रुपये के उच्चस्तर से घटकर 28 अगस्त को 0.95 लाख करोड़ रह गई है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे महीने के दौरान नकदी में गिरावट जारी रही। महीने की शुरुआत यानी दो अगस्त को बैंकिंग प्रणाली में नकदी 2.56 लाख करोड़ रुपये थी जो 28 अगस्त को 0.95 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गई।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 30 Aug 2024 07:38 PM (IST)
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पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों में घटते डिपॉजिट पर चिंता जताई थी।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत के बैंकिंग सिस्टम की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। लोन ग्रोथ के मुकाबले बैकों की डिपॉजिट ग्रोथ लगातार कम हो रही रही है। अब देश के बैंकिंग सिस्टम में नकदी में भी बड़ी गिरावट आई है। यह 2.86 लाख करोड़ रुपये के उच्चस्तर से घटकर 28 अगस्त को 0.95 लाख करोड़ रह गई है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस पूरे महीने के दौरान नकदी में गिरावट जारी रही। महीने की शुरुआत यानी दो अगस्त को बैंकिंग प्रणाली में नकदी 2.56 लाख करोड़ रुपये थी, जो 16 अगस्त को घटकर 1.55 लाख करोड़ रुपये और 28 अगस्त को 0.95 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गई।

वित्त मंत्री की अपील के बाद भी गिरावट

नकदी में यह गिरावट वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर द्वारा बैंकों से सिस्टम में नकदी बढ़ाने के उपाय की बार-बार अपील के बावजूद आई है। नकदी का लगातार घटता स्तर चिंता का विषय है और इसका आर्थिक गतिविधियों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।

महीने की शुरुआत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के साथ समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ऋण वृद्धि में तेजी आई है, लेकिन इसे स्थायी रूप से वित्तपोषित करने के लिए जमा राशि बढ़ानी होगी। सीतारमण ने बैंकों को अपने ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध बनाने की भी सलाह दी थी।

डिपॉजिट ग्रोथ पर भी जताई थी चिंता

पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों में घटते डिपॉजिट पर चिंता जताई थी। उन्होंने आरबीआई निदेशक मंडल के साथ मीटिंग के बाद कहा था कि बैंकों को कुछ इनोवेटिव और आकर्षक पोर्टफोलियो लाने के बारे में सोचना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बैंकों में पैसे जमा करें। अभी लोगों के पास अधिक रिटर्न पाने के लिए बैंकों से अच्छे कई विकल्प हैं। इनमें शेयर बाजार भी एक है। यही वजह है कि शेयर मार्केट में रिटेल इन्वेस्टमेंट तेजी से बढ़ा है।'

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