Cost inflation index: आयकर विभाग ने चालू वित्त वर्ष के लिए कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स किया नोटिफाई
कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (Cost inflation index) को आयकर कानून 1961 के तहत हर साल अधिसूचित किया जाता है। किसी भी पूंजीगत संपत्ति की बिक्री के समय पूंजीगत लाभ की गणना के लिये अधिग्रहण लागत के आकलन में कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (Cost inflation index) का उपयोग किया जाता है।
By Saurabh VermaEdited By: Updated: Wed, 15 Jun 2022 04:01 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। Cost inflation index: आयकर विभाग (Income Tax Department) की तरफ से चालू वित्त वर्ष के लिए कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स को नोटिफाई किया है। जिससे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में इजाफे की संभावना जताई गई है। इसकी वजह मूवेबल प्रॉपर्टी जैसे सिक्योरिटीज और ज्वैलरी की खरीददारी को माना जा रहा है।
कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (CII) को महंगाई दर (Inflation Rate) में संसोधन के बाद टैक्स पेयर की कैपिटल एसेट्स की बिक्री के आधार तर कैलुकेलट किया जाता है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए और असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्ट को 331 तय किया गया है।
टैक्स पेयर के अग्रिम टैक्स की मिलती है जानकारी
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि लागत मुद्रास्फीति सूचकांक टैक्स पेयर को लॉन्ग कैपिटल गेन टैक्स के कैलकुलेशन करने में मदद करेगा। इससे मालूम चलता है कि टैक्स पेयर समय पर अग्रिम टैक्स जमा कर सकेंगे। मोहन ने कहा कि पिछले कुछ साल से मुद्रास्फीति सूचकांक तेजी से बढ़ रहा है, जिससे मालूम चलता है कि देश में महंगाई तेजी से बढ़ रही है।
हर साल नोटिफाई होता है कॉस्ट इन्फ्लेसन इंडेक्स
कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (Cost inflation index) को आयकर कानून, 1961 के तहत हर साल अधिसूचित किया जाता है। किसी भी पूंजीगत संपत्ति की बिक्री के समय पूंजीगत लाभ की गणना के लिये अधिग्रहण लागत के आकलन में कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (Cost inflation index) का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर लॉन्ग टर्म कैपिटल के लिए संपत्ति को 36 महीने से ज्यादा समय तक (अचल संपत्ति और गैर-सूचीबद्ध शेयर के लिये 24 महीने और सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के लिए 12 महीने है) अपने पास रखने की आवश्यकता होती है।
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