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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की चेतावनी, 31 मई तक कर लें ये काम, नहीं तो चुकाना पड़ेगा ज्यादा टैक्स

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने मंगलवार को कहा कि टैक्सपेयर्स 31 मई तक अपने PAN कार्ड और आधार (Aadhaar) को लिंक करा लें। ऐसा न करने की स्थिति में आपको अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है। इनकम टैक्स विभाग के नियमों के मुताबिक अगर आपका परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) बायोमीट्रिक आधार के साथ नहीं लिंक है तो टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) लागू रेट से दोगुना कटेगा।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 28 May 2024 02:17 PM (IST)
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आप 31 मई तक पैन-आधार लिंक करा लेते हैं, तो आपके खिलाफ एक्शन नहीं लिया जाएगा।
पीटीआई, नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने मंगलवार को कहा कि टैक्सपेयर्स 31 मई तक अपने PAN कार्ड और आधार (Aadhaar) को लिंक करा लें। ऐसा न करने की स्थिति में आपको अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है।

कितना ज्यादा कटेगा टैक्स?

इनकम टैक्स विभाग के नियमों के मुताबिक, अगर आपका परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) बायोमीट्रिक आधार के साथ नहीं लिंक है, तो टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) लागू रेट से दोगुना कटेगा।

डिपार्टमेंट ने पिछले महीने एक सर्कुलर भी जारी किया था। इसमें कहा गया था कि जिन लोगों के अकाउंट से कम टीडीएस कटा है, वे अगर 31 मई तक अपने पैन और आधार को लिंक करा लेते हैं, तो उन्हें ज्यादा टीडीएस देने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही, उनके खिलाफ कोई एक्शन भी नहीं लिया जाएगा।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है, 'अगर आपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया है, तो कृपया 31 मई से पहले लिंक करा लीजिए। इससे आप अतिरिक्त टैक्स कटौती से बच सकते हैं।'

बैंक, फॉरेक्स डीलर के लिए भी चेतावनी

एक अन्य पोस्ट में I-T department ने बैंक और फॉरेक्स डीलर जैसे संस्थाओं से कहा है कि वे 31 मई से पहले स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस (SFT) फाइल कर दें। नहीं तो उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है। SFT के जरिए आयकर विभाग किसी शख्स के बड़ी रकम के लेनदेन पर नजर रखता है।

जिन रिपोर्टिंग संस्थाओं को टैक्स अथॉरिटीज के साथ एसएफटी रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है, उनमें विदेशी मुद्रा डीलर, बैंक, उप-रजिस्ट्रार, एनबीएफसी, डाकघर, बांड/डिबेंचर जारीकर्ता, म्यूचुअल फंड ट्रस्टी, लाभांश का भुगतान करने वाली या शेयर वापस खरीदने वाली कंपनी शामिल हैं।

एसएफटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर हर दिन के हिसाब से 1,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। दाखिल न करने या गलत विवरण दाखिल करने पर भी अलग से जुर्माना लगाया जा सकता है।

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