ITR Filling: इस साल इन व्यक्तियों को नहीं भरना होगा आईटीआर, आयकर विभाग ने दी राहत
ITR Filing देश में हर वेतनधारक को आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है। अगर आपकी भी इनकम सालाना 3 लाख रुपये से ज्यादा है तो आप को आईटीआर फाइल करना जरूरी है। इस बार आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 तय की गई है। देश में कई कैटेगरी ऐसी है जिनको आईटीआर फाइल करने में छूट मिलती है। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Sat, 15 Jul 2023 10:54 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इस साल सभी करदाता को 31 जुलाई 2023 से पहले ही अपना रिटर्न फाइल करना है। अभी तक वित्त 2022-23 के लिए 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने रिटर्न फाइल कर चुके हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार तय किया गया है कि जिस भी व्यक्ति की इनकम 3 लाख रुपये से ज्यादा है तो उन्हें आईटीआर फाइल करना चाहिए।
आयकर विभाग द्वारा कुछ कैटेगरी के लोगों को रिटर्न फाइल करने में छूट मिलती है। इसके लिए कुछ नियम व शर्तें भी हैं। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 194 पी के तहत कुछ सीनियर सिटीजन को रिटर्न फाइल करने में राहत मिलती है। इसके लिए उन्हें पात्रता की शर्तों को पूरा करना होगा।
धारा 194 पी के तहत किसे आईटीआर फाइल करने में छूट मिलती है
वित्त वर्ष 2022-23 यानी 31 मार्च 2023 को खत्म हुए साल में जिस भी सीनियर सिटीजन की आयु 75 साल से ज्यादा हो गई है। उन सभी को रिटर्न फाइल करने से छूट दी गई है। इन नागरिक के पास पेंशन के अलावा कोई और इनकम का सोर्स नहीं होना चाहिए। इन नागरिक को उसी बैंक से ब्याज का इनकम मिलेगा जिसमें पेंशन आती है।
इन बातों का रखें ध्यान
केंद्र सरकार की अधिसूचना के मुताबिक सीनियर सिटीजन को जिस बैंक से पेंशन और उसका इंटरेस्ट आता है, उसमें नागरिक को घोषणा पत्र जमा करना होता है। इसमें नागरिक की सभी जानकारी शामिल होना चाहिए। सीनियर सिटीजन की दो श्रेणी होती है। एक श्रेणी वो होती है जिन्हें टैक्स का भुगतान करना होता है और दूसरी श्रेणी वो होती है जिनको टैक्स का भुगतान नहीं करना होता है।करदाता के निधन के बाद कौन भरेगा इनकम टैक्स का रिटर्न
इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार अगर किसी टैक्सपेयर्स की मृत्यु हो जाती है तब उनके कानूनी उत्तराधिकारी को आईटीआर फाइल करना होगा। इस रिटर्न में उन्हें उस इनकम की जानकारी देनी होगी जो मृतक व्यक्ति के नाम से कमाई जाती है। इसके लिए कानूनी उत्तराधिकारी को अपना नाम कानूनी रूप से रजिस्टर करना होगा। कानूनी उत्तराधिकारी रिटर्न फाइल करने के साथ ही रिफंड के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं।