Jagran Dialogues: Covid की दूसरी लहर के बाद उद्योग-धंधों के लिए क्या है यूपी सरकार का सपोर्ट प्लान, जानिए क्या कहा सिद्धार्थ नाथ सिंह ने
Jagran Dialogues में इस बार हम उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) के Cabinet Minister Siddharth Nath Singh से रूबरू हुए जिनसे Uttar Pradesh में Covid की स्थिति और उससे निपटने के उपायों पर विस्तार से बातचीत हुई।
By Ashish DeepEdited By: Updated: Sun, 25 Jul 2021 08:09 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Jagran Dialogues में इस बार हम उत्तर प्रदेश सरकार के Cabinet Minister Siddharth Nath Singh से रूबरू हुए, जिनसे UP में Covid की स्थिति और उससे निपटने के उपायों पर विस्तार से बातचीत हुई। Pratyush Ranjan, Senior Editor, Jagran New Media के साथ बातचीत में सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि कैसे देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रदेश UP ने Covid को बहुत ही कम समय में मात दी। उन्होंने महामारी से चौपट हुए उद्योग-धंधों खासकर MSME को कैसे सहारा देकर आगे बढ़ाया, इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार की स्ट्रैटजी भी साझा की। कैसे UP में Micro Village का कॉन्सेप्ट विकसित हो रहा है, इससे गांवों का विकास कैसे जुड़ा है? पेश हैं इस बातचीत के मुख्य अंश :
सवाल : हम सबने Covid 19 की दूसरी लहर का भयावह दौर देखा, जिस तरह से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बढ़े, वे उसी तरह कम भी हुए। आप Jagran Dialogues के माध्यम से लोगों को बताएं कि इतने बड़े राज्य में Covid मामलों को कैसे कंट्रोल किया गया। सरकार ने इसके लिए कौन-कौन से कदम उठाए।
उत्तर : Covid 19 महामारी से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने थ्री T सिद्धांत का सहारा लिया, जिसके मायने हैं Test, Tracing और Treatment। हम इस सिद्धांत पर आगे बढ़े और Corona के मामले घटाने में सफल भी रहे। इसके अलावा Covid Beds बढ़ाए गए। जबकि Ventilators की संख्या तीन गुना तक बढ़ाई गई है। दूसरी लहर को लेकर उत्तर प्रदेश में डर बना हुआ था। नीति आयोग ने आशंका जताई थी कि उत्तर प्रदेश में 30 मई तक 1 लाख केस रोजाना निकलने लगेंगे। लेकिन हमने इसे कंट्रोल कर लिया। रोजाना निकलने वाले केस की संख्या 30 हजार के ऊपर नहीं गई। गांवों में भी Covid फैला लेकिन उसे समय रहते कंट्रोल कर लिया गया। ऐसा निगरानी समिति बनाने से संभव हुआ। इसमें 4 लाख से ऊपर हेल्थ वर्कर्स लगे थे। ये हेल्थ वर्कर्स गांव-गांव में जाकर चेक कर रहे थे कि किसी को बुखार या दूसरी बीमारी तो नहीं हुई। ये लोग वहां टेस्टिंग के साथ उन लोगों की निगरानी कर रहे थे। ऐसे मरीजों को दवा मुहैया कराई जाती थी। अगर कोई Covid मरीज मिला तो उस एरिया को खाली करा लिया जाता था। उसके बाद पूरे गांव की टेस्टिंग होती थी। बाहरी लोगों का आना-जाना रोक दिया जाता था। इसके अलावा Covid से निपटने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए गए। इसमें Anm और नर्सों की ट्रेनिंग की गई ताकि वे मरीजों की सही देखभाल कर सकें। ऑक्सीजन को लेकर भी प्रेशर था। लेकिन उसे चरणबद्ध रूप से ठीक कर लिया गया। हमने 10 दिन में 30 ऑक्सीजन टैंकरों की संख्या बढ़ाकर 100 कर ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रोजाना इसकी समीक्षा करते थे। मैं यह कहना चाहूंगा कि सरकार, डॉक्टर और दूसरे हेल्थ वर्कर्स ने Covid 1 को हराया और Covid 2 को थाम लिया है।
सवाल : छोटे और मझोले बिजनेस वाले लोग Pandemic और Lockdown के कारण बहुत परेशान हुए हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार इस संकट में कैसे small micro and medium enterprises को सपोर्ट कर रही है।जवाब : 2020 में जब Lockdown लगा तभी उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्योग को सहारा देने के लिए रणनीति बना ली थी। Lockdown खुलने के बाद हमने उद्योगों को खोलना शुरू कर दिया था। इकोनॉमी की स्थिति सुस्त पड़ गई थी। इसलिए 4 लाख से ज्यादा यूनिटों को 11 हजार करोड़ रुपए की Loan restructuring की। राज्यसभा में केंद्रीय MSME मंत्री नारायण राणा ने बयान भी दिया कि देशभर में 13 लाख यूनिटों को फायदा मिला। अगर इसमें 4 लाख अकेले उत्तर प्रदेश ने किया तो यह अपने आप में गर्व की बात है। साथ ही सरकार ने MSME Sathi लॉन्च कर दिया था। इस पर कई लोगों ने अपनी शिकायतें भेजीं। करीब 4000 शिकायतें आईं। उन्हें तत्काल निपटाया गया। छोटे उद्यमियों को रिटर्न फाइल करने के लिए मुफ्त में Software दिए गए हैं। इससे उनका रिटर्न भरने में आसानी हुई। उनके पैसे भी बचे। उनको Software चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि वे खुद टैक्स से जुड़े काम कर सकें। इसके अलावा ODOP जैसी योजनाओं में Loan बांटा गया। इसकी तुलना 2016-17 से करें तो उस समय सपा की सरकार थी, जिसने 28 हजार 137 करोड़ रुपए लोन बांटा था जबकि हमने Corona काल में 73 हजार 765 करोड़ रुपए दिए। यानि हम Covid के समय भी एक्टिव रहे और Msme यूनिटों की मदद करते रहे। हालांकि संकट को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र की इमरजेंसी क्रेडिट गारंटी लोन योजना में 4 लाख से ज्यादा को पैसे दिलवाए। उनका बिजली बिल भी माफ किया।
सवाल : उत्तर प्रदेश में उद्योग की रफ्तार को बढ़ाने और उसके फायदे को आम आदमी तक पहुंचाने के लिए सरकार क्या कर रही है ? एक रिपोर्ट में हमने देखा आप Micro Village Concept की बात कर रहे हैं। इस बारे में थोड़ी जानकारी दीजिए?जवाब : योगी सरकार हर आम आदमी को फायदा देना चाहती है। इसके लिए कई स्कीमें चलाई गई हैं। मसलन ODOP, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में मोची, नाई और हलवाई को लाभ मिल रहा है। सरकार ने अब हर ब्लॉक में कौशल विकास केंद्र बनाने शुरू किए हैं। यहां प्रशिक्षण पा चुके लोगों के लिए रोजगार भी चाहिए। ऐसे में फैक्ट्री लगाने की जरूरत पड़ी। उसके भी प्रयास किए, जिससे माल बनाने वाला व्यक्ति सीधे उसे व्यापारी को बेच सके, जिसे इसकी जरूरत है। इस योजना को ODOP नाम दिया गया। इसके लिए माइक्रो विलेज इंडस्ट्री का कॉन्सेप्ट लाया जा रहा है।
सवाल : Pandemic और Lockdown के कारण कई लोगों की नौकरियां गईं। काम धंधे बंद हुए...युवाओं को रोजगार देने के क्षेत्र में सरकार और आपका मंत्रालय क्या कदम उठा रहा है, जिससे उन युवाओं को फायदा मिले, जिन्हें महामारी ने बेरोजगार कर दिया।जवाब : सरकार ने 4 साल में ढाई लाख करोड़ रुपए का Loan दिया है। सरकार ने बीते 4 साल में 70 लाख MSME यूनिट बनाए हैं। इसका व्यापक सर्वे भी कराया गया ताकि पता चल सके कितने लोगों को रोजगार मिला। 3 लाख यूनिट का सर्वे किया गया ताकि पता चल सके की लोन की रकम मिलने के बाद उन इकाइयों ने कितनी नौकरियां दीं। सर्वे के बाद पता चला कि 1 लाख के लोन पर 3.7 लोगों को नौकरी मिली। इस आधार पर 4 साल में 2 करोड़ 60 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन किया है।
सवाल : Covid की तीसरी लहर की आशंका कई एक्सपर्ट ने जाहिर की है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से लोगों के लिए क्या मैसेज है?जवाब : लोग Covid की दूसरी लहर से डरे नहीं। सरकार बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए खास इंतजाम कर रही है। जिन परिवारों में 12 साल से छोटे बच्चे हैं, उनके अभिभावकों के लिए अलग से वैक्सीन का प्रोग्राम किया गया है। प्रदेश में सभी डॉक्टरों की पेडियाट्रिक ट्रेनिंग करवाई जा रही है। मेडिकल के फाइनल ईयर के छात्रों को भी ट्रेन किया जा रहा है।
सवाल : Fake News से बचने के लिए क्या किया जाना ?जवाब : सोशल मीडिया पर चल रही सूचना के आधार पर कोई ओपिनियन न बनाएं। वह सिर्फ आपके मनोरंजन के लिए हो सकता है। जो भी न्यूज चाहिए तो दैनिक जागरण जैसे माध्यम से लें, जिसकी विश्वसनीयता है। मुझे दैनिक जागरण पढ़ते हुए 30 से 35 साल हो गए।