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PM Janaushadhi Yojana: जन औषधि केंद्र चलाने वालों के लिए खुशखबरी, आसानी से मिल सकेगा कर्ज

जन औषधि केंद्र संचालकों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने क्रेडिट सहायता योजना लॉन्‍च की है। इसके तहत जन औषधि केंद्र शुरू करने के लिए सस्ती दरों पर लोन मिलेगा। उनका कहना है कि इससे जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। 2014 में जन औषधि केंद्रों की संख्या 80 थी जो अब बढ़कर 11 हजार पर पहुंच गई है।

By Jagran News Edited By: Subhash Gariya Updated: Tue, 12 Mar 2024 08:41 PM (IST)
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हर रोज जन औषधि केंद्रों में 10 से 12 लाख लोग आते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने जन औषधि केंद्र संचालकों को मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार को क्रेडिट सहायता योजना लॉन्‍च की। योजना और इसके लिए समर्पित वेबसाइट की लॉन्‍चिंग के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि इससे जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जन औषधि केंद्र संचालकों को इस योजना के तहत गारंटी मुक्त लोन मिलेगा। उन्होंने कहा कि सस्ती और सुलभ दवाएं किसी भी समाज के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता हैं। 2014 में जन औषधि केंद्रों की संख्या 80 थी, जो अब बढ़कर 11 हजार पर पहुंच गई है। एक अनुमान के मुताबिक, इन दुकानों पर हर रोज 10-12 लाख लोग आते हैं।

जन औषधि केंद्रों की मजबूती के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। सरकार ने 31 मार्च 2026 तक 25 हजार जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है।

मनसुख मांडविया, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

मांडविया ने कहा कि इस योजना से जन औषधि केंद्र संचालकों को कारोबार शुरू करने या उसका विस्तार करने में मदद मिलेगी। ऐसे कर्ज पर गारंटी, चाहे कार्यशील पूंजी हो या सावधि ऋण को सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) की तरफ से मुहैया कराया जा रहा है।

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सस्ती दरों पर मिलती हैं दवाएं और सर्जिकल प्रोडक्ट

इन जन औषधि केंद्रों के जरिये लगभग 1,965 जेनेरिक दवाएं और 293 सर्जिकल उत्पाद सस्ती दरों पर बेचे जाते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में इन केंद्रों के जरिये 1,235.95 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई थी जिससे नागरिकों को लगभग 7,416 करोड़ रुपये की बचत हुई।

सरकार के बयान के अनुसार पिछले 10 साल में लोगों ने जन औषधि केंद्रों से दवाएं खरीद कर करीब 28000 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा की बचत की है।

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