Jan Dhan Yojana से जन-निवेश : क्या भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बदलाव की जरूरत?
आज म्यूचुअल फंड के निवेशकों की संख्या में शानदार तेजी देखने को मिली है। निवेशक धड़ाधड़ इसमें निवेश कर रहे थे। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई जन-धन योजना से बैंकिंग सिस्टम को लाभ हुआ। वहीं दूसरी तरफ यह योजना म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए चुनौती बन गया। ऐसे में सवाल है कि क्या अब म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बदलाव की जरूरत है?
Jan Dhan Yojana से हुआ बैंकिंग सिस्टम को लाभ
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में जन धन अकाउंट के बारे में घोषणा की, तो बैंकिंग इंडस्ट्री ने इसे सरकार द्वारा थोपे गए एक काम के रूप में देखा होगा। 10 साल बाद, बैंकिंग सिस्टम को इससे बहुत ज्यादा लाभ हुआ है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 14 अगस्त, 2024 तक 53.12 करोड़ जनधन खाताधारक थे, और इन अकाउंट में कुल 2.31 ट्रिलियन रुपये (2.31 लाख करोड़ रुपये) जमा हैं। सरकार के जन धन पहल ने एक ऐसी नई पीढ़ी को बैंकिंग सिस्टम के तहत लाने का काम किया, जो पहले बैंकिंग सिस्टम से दूर थे। वहीं बढ़ रही आय और बचत के साथ, अब ऐसे ग्राहकों की नई पीढ़ी तैयार हो चुकी है, जो एडवांस लोन और डिपॉजिट प्रोडक्ट के लिए ज्यादा खर्च करने को तैयार हैं और वे इस तरह के ज्यादा प्रोडक्ट खरीदने में अपना इंटरेस्ट दिखा रहे हैं। जन धन अकाउंट को ज्यादा प्रोत्साहन केवाईसी मानदंडों के सरल होने से मिला है, जिससे बैंकिंग सुविधा से वंचित लाखों भारतीयों को अपने जीवन में पहली बार बैंक अकाउंट खोलने का मौका मिला । JAM (जन धन, आधार और मोबाइल) ने देश में पेमेंट इकोसिस्टम में पूरी तरह से क्रांति ला दी है और वित्तीय समावेशन को इतना सशक्त बनाया है, जितना किसी अन्य पहल में नहीं हुआ है। इसी तरह, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को फाइनेंशियलाइजेशन और वेल्थ क्रिएशन के लाभ से अबतक दूर रही जनता तक पहुंचाने के लिए एक समान जन निवेश मूवमेंट की आवश्यकता है। इसके लिए इंडस्ट्री और रेगुलेटर्स के बीच लगातार और सक्रिय रूप से जुड़ाव की भी जरूरत है।इसके आगे उन्होंने कहा कि इस भारी संभावनाओं वाले बाजार में और मजबूत होने के लिए, एक इंडस्ट्री के रूप में हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम निवेशकों को लिक्विड और डेट फंड के बारे में अधिक जागरूक बनाएं और इस कैटेगरी के बारे में उनको सही जानकारी दें। तो क्या अब "लिक्विड/डेट फंड सही है" का समय है? कोविड-19 महामारी के बाद, भारतीय शेयर बाजारों में लगातार तेजी देखी गई है, जिसने बड़ी संख्या में रिटेल निवेशकों को इक्विटी म्यूचुअल फंड की ओर आकर्षित किया है। आज इक्विटी और हाइब्रिड फंड इंडस्ट्री एयूएम का 2/3 से अधिक प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि लगभग एक दशक पहले यह सिर्फ 1/3 था। यह एक स्वागत योग्य ट्रेंड है और यह ट्रेंड वेल्थ क्रिएशन में मदद करता है। हालांकि, एयूएम को आकर्षित करने के लिए लगातार बढ़ रहे शेयर बाजार पर पूरी तरह से निर्भर रहना एक बड़ा जोखिम है। यह भी पढ़ें : Gold-Silver Price: सोने से ज्यादा चांदी चमकी, एक साल में सिल्वर ने दिया 40 फीसदी का रिटर्नम्यूचुअल फंड को असलियत में घर घर तक ले जाने के लिए, हमें ग्राहक की ऑन-बोर्डिंग लागत जैसे आरटीए (RTA), सीकेवाईसी (CKYC) और अन्य शुल्कों को कम करना होगा और एसेट मैनेजमेंट कंपनी के लिए सर्विसेज के लिए छोटे टिकट साइज के निवेश को संभव बनाना होगा। क्या 2 फेज वाली केवाईसी प्रक्रिया पर विचार करना संभव है? एक निश्चित टिकट साइज (शायद 25,000 प्रति निवेशक) तक के निवेश के लिए क्या हम बैंक केवाईसी पर भरोसा कर सकते हैं या कुछ बहुत ही बुनियादी (स्तर 1) केवाईसी का पालन कर सकते हैं? हायर टिकट साइज के लिए, फुल केवाईसी (लेवल 2) पूरा किया जा सकता है।
बड़ौदा बीएनपी परिबा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के सीईओ सुरेश सोनी
इक्विटी बाजारों में लंबे समय तक गिरावट म्यूचुअल फंड एयूएम ग्रोथ पर उल्टा असर डाल सकती है। इसलिए किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो को बेहतर रिस्क एडजस्टेड रिटर्न देने और सुरक्षा व लिक्विडिटी की समान रूप से महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करने के लिए अलग अलग एसेट क्लास के मिक्स की आवश्यकता होती है।इंडिविजुअल निवेशकों के पास इक्विटी फंड एयूएम का 88 फीसदी हिस्सा है, लेकिन डेट फंड एयूएम का 12 फीसदी से भी कम है। इससे साफ होता है कि जहां तक डेट फंड का सवाल है। एमएफ इंडस्ट्री लिक्विड फंड जैसे कुछ बहुत दिलचस्प उत्पाद पेश करता है, जो न केवल हाई सेफ्टी, हाई लिक्विडिटी प्रदान करते हैं, बल्कि बैंक डिपॉजिट के 3 फीसदी सालाना रिटर्न की तुलना में डबल रिटर्न दे रहे हैं। अफसोस की बात है कि म्यूचुअल फंड की इस कैटेगरी पर लगभग विशेष रूप से कॉर्पोरेट निवेशकों का ही वर्चस्व बना हुआ है और रिटेल निवेशक इसके लाभ के बारे में काफी हद तक अनजान हैं।यह भी पढ़ें : PM Kisan Yojana: किसानों के अकाउंट में कब तक आएगी 19वीं किस्त, लाभ पाने के लिए जल्द करना होगा ये काम