JSW Steel ने दिया सबसे शानदार तिमाही नतीजा, प्रॉफिट में 350 फीसद का उछाल
जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) के सितंबर में खत्म तिमाही नतीजे अच्छे रहे हैं। इसका मार्केट कैप 162788 करोड़ रुपए हो गया है। कच्चे माल की ऊंची कीमतों ने कंपनी के मार्जिन को थोड़ा-बहुत प्रभावित किया लेकिन सब्सिडियरी संयुक्त उद्यमों के बेहतर प्रदर्शन से उस पर पार पा लिया गया।
By Ashish DeepEdited By: Updated: Fri, 22 Oct 2021 01:17 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) के सितंबर में खत्म तिमाही नतीजे अच्छे रहे हैं। इसका मार्केट कैप 1,62,788 करोड़ रुपए हो गया है। कच्चे माल की ऊंची कीमतों ने कंपनी के मार्जिन को थोड़ा-बहुत प्रभावित किया लेकिन सब्सिडियरी, संयुक्त उद्यमों और दूसरे सहयोगियों के बेहतर प्रदर्शन से उस पर पार पा लिया गया। अक्टूबर में डाल्वी में स्टील प्लांट में काम शुरू हो गया। इसकी क्षमता 5 एमटीपीए से बढ़ाकर 10 एमटीपीए की गई है।
कंपनी के मुताबिक उसका कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 7,179 करोड़ रुपए रहा। इसमें 350 फीसद का उछाल दर्ज किया गया है। कंपनी का तिमाही राजस्व 32503 करोड़ रुपए रहा। उसका EBITDA भी 10417 करोड़ रुपए रहा। कंपनी की शुद्ध बिक्री 31909 करोड़ रुपए रही। इसमें 71 फीसद का उछाल है। इससे पहले वर्ष 2021-22 की जून तिमाही में 5,900 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध मुनाफा हुआ था जिसका मुख्य कारण अधिक आय का होना था।
जेएसडब्ल्यू स्टील ने एक नियामकीय सूचना में बीएसई को बताया था कि कंपनी ने एक साल पहले की इसी अवधि में 582 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान कुल आय पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 11,914 करोड़ रुपये से बढ़कर 29,100 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले के 12,504 करोड़ रुपये के मुकाबले खर्च 20,804 करोड़ रुपये का हुआ।
जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसडब्ल्यू समूह का एक हिस्सा है। जेएसडब्ल्यू स्टील की इस्पात, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, सीमेंट और स्पोर्ट्स जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उपस्थिति है। जेएसडब्ल्यू स्टील का कच्चे इस्पात का उत्पादन अगस्त में सालाना आधार पर पांच प्रतिशत बढ़कर 13.77 लाख टन पर पहुंच गया था। इससे बीते साल के समान महीने में कंपनी ने 13.17 लाख टन इस्पात का उत्पादन किया था। जेएसडब्ल्यू स्टील ने बयान में कहा कि अगस्त में उसका फ्लैट रोल्ड उत्पादों का उत्पादन आठ प्रतिशत घटकर 9.80 लाख टन से 8.99 लाख टन रह गया। (Pti इनपुट के साथ)