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Kisan Credit Card: किसान क्रेडिट कार्ड को डिजिटल रूप में लाने की तैयारी, सभी सेवाएं होंगी ऑनलाइन

Kisan Credit Card किसानों को सस्ते रेट पर कर्ज मिल सके इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी। अब इस योजना को नया कलेवर देते हुए इसे डिजिटल रूप में लाने की तैयारी चल रही है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 09:28 AM (IST)
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Kisan Credit Card digitization, all services will be online

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। जल्द ही किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) की सभी सेवाएं डिजिटल होने वाली हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के एंड टू एंड डिजिटलाइजेशन का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। ये काम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सहायक संस्था रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH)के द्वारा किया जाएगा, जिसका उद्देश्य लोन बांटने की दर को कई गुना बढ़ाना है।

प्रोजेक्ट की शुरुआत इसी महीने होने जा रही है। बैंक में केसीसी (KCC) के तहत लोन देने की कई प्रक्रियाओं को ऑटोमेटिक और सिस्टम को सीधा सर्विस प्रोवाइडर से जोड़ा जायगा। केसीसी डिजिटलाइजेशन (KCC Digitization) प्रोजेक्ट का उद्देश्य लोन लेने वाले लोगों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाना और लागत को कम करना है।

केसीसी का होगा कायाकल्प

आरबीआई ने आगे बयान में कहा कि इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत केसीसी के डिजिटलाइजेशन के जरिए क्रेडिट प्रक्रिया को तेज और कुशल बनाकर लोन के प्रवाह को उन लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी, जिन तक ये सेवाएं नहीं उपलब्ध हैं। जब यह पूरी तरह से लागू हो जाता है, तो इसमें देश की ग्रामीण ऋण वितरण प्रणाली को बदलने की क्षमता होगी।

आरबीआई ने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत यूनियन बैंक और फेडरल बैंक की साझेदारी के साथ मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के कुछ चुने हुए जिलों से होगी। इसके साथ इस कार्य में राज्य सरकारों का भी सहयोग लिया जा रहा है। आरबीआई ने अंत में कहा कि पायलट प्रोजेक्ट से मिले अनुभव के आधार पर केसीसी के डिजिटलाइजेशन का इन प्रदेशों के अन्य जिलों में विस्तार किया जाएगा। फिर इसके बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

क्या है किसान क्रेडिट कार्ड

किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम की शुरुआत 1998 में की गई थी, इसका उद्देश्य किसानों को कृषि संबंधित खर्चों की पूर्ति के लिए लोन उपलब्ध करवाना है। KCC के जरिए लिए गए लोन से किसान फसल के लिए बीज, उर्वरक आदि खरीदने के अलावा निजी जरूरतें भी पूरी कर सकते हैं। इस पर ब्याज भी बेहद कम लिया जाता है।