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ITR Filing: आयकर रिटर्न भरने से पहले बेहद जरूरी है ये जानकारी, जानिए किसे भरना चाहिए कौन सा फॉर्म

ITR Filing आयकर विभाग (Income Tax department) कई तरह के फॉर्म का विकल्प देता है। किसे कौन सा फॉर्म भरना है इसकी जानकारी होनी बहुत जरूरी है। गलत फॉर्म भरने पर आपका इनकम टैक्स रिटर्न रद्द हो सकता है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Sat, 23 Jul 2022 04:57 PM (IST)
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ITR Filing: Know about each and every ITR form before filling your Income Tax Return
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आईटीआर (Income Tax Return) भरने की अंतिम तारीख अब करीब आ गई है। लोग इन दिनों अपने कर दस्तावेजों को अंतिम रूप देने में लगे हैं। आयकर रिटर्न भरने के लिए किए तरह के फॉर्म आते हैं। अलग-अलग लोगों को अलग-अलग फॉर्म भरना होता है। लेकिन ज्यादातर लोगों को इस बात की सही जानकारी नहीं होती कि उनको कौन सा फॉर्म भरना चाहिए और कौन सा नहीं।

अगर आप कर दाता हैं और आईटीआर भरने (ITR Filing) की तैयारी कर रहे हैं तो हम आपको बता दें कि आईटीआर फाइल करने के लिए सात तरह के फॉर्म आते हैं। टैक्सपेयर को अपनी कैटेगरी के हिसाब से रिटर्न फॉर्म चुनना चाहिए। अगर आप इसमें गलती करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपका फॉर्म प्रोसेस नहीं करेगा। तो आइए, एक-एक कर इन सभी फॉर्मों के बारे में आपको बताते हैं।

ITR-1 सहज

यह फॉर्म उन टैक्स पेयर्स के लिए होता है, जिनकी कुल सालाना आय 50 लाख रुपये तक होती है। इसमें सैलरी, पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी और अन्य स्रोत जैसे डिपॉजिट आदि पर मिलने वाले ब्याज से होने वाली कमाई शामिल होती है। इसके अलावा 5000 रुपये तक की कृषि आय भी इसमें शामिल होती है। अगर आप किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं या फिर बिजनेस या किसी और प्रोफेशन से कमाई करते हैं तो यह फॉर्म आपके लिए नहीं है।

ITR-2

जिन लोगों की कमाई 50 लाख रुपये से ज्यादा है, वे लोग यह फॉर्म भर सकते हैं। जो लोग HUFs (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) से संबंधित हैं और जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से हुए मुनाफे से आय नहीं होती है, वे भी ITR-2 फॉर्म भर सकते हैं, शर्त है कि वे ITR-1 फॉर्म के लिए योग्य न हों। जिन लोगों की कमाई सैलरी/पेंशन, हाउस प्रॉपर्टी और अन्य स्रोतों से होती है, उनको ही इस फॉर्म का चुनाव करना होगा।

​ITR-3

कोई भी बिजनेसमैन, किसी कंपनी का इंडिविजुअल डायरेक्टर, अनलिस्टेड शेयरों में निवेश करने वाला या किसी फर्म अथवा कंपनी में पार्टनर के तौर पर कमाई करने वाला व्यक्ति ITR-3 फॉर्म को भर सकता है। वह लोग ये फॉर्म चुनें जो सैलरी/पेंशन, हाउस प्रॉपर्टी और ब्याज आदि से पैसा कमाते हैं। इस फॉर्म का चुनाव करने से पहले सुनश्चित कर लें कि आप फॉर्म-4 के दायरे में न आते हों।

​ITR-4 सुगम

यह फॉर्म उन लोगों और पार्टनरशिप फर्म्स (LLP के अलावा) के लिए है, जिन्हें 50 लाख रुपये तक की कुल आय होती है। साथ ही जिन्हें ऐसे बिजनेस या पेशे से आय होती है जो आयकर कानून के सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE के तहत कर देय है। व्यक्ति का हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली से होना जरूरी है। कैपिटल गेन से कमाई करने वाले और विदेशी संपत्ति के मालिक ITR-4 फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते। ध्यान रहे कि अगर बिजनस का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से ज्यादा है तो मालिक को आईटीआर-3 भरना होगा।

​ITR-5

यह फॉर्म ITR-1 से लेकर ITR-4 तक भरने वाले लोगों, ITR-6 भरने वाली कंपनियों या ITR-7 भरने वाले चैरिटेबल ट्रस्ट/इंस्टीट्यूशंस से अलग टैक्सपेयर्स के लिए है। ITR-5 फॉर्म, ITR-4 के तहत गिनी जाने वाली पार्टनरशिप फर्म से अलग पार्टनरशिप फर्म और LLPs के लिए होता है। एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स और बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स के लिए भी इसी फॉर्म का इस्तेमाल किया आता है।

​ITR-6 और 7

आयकर कानून (Income Tax Act) के सेक्शन 11 के तहत कर छूट का दावा करने वाली कंपनियों से अलग कंपनियों के लिए ITR-6 फॉर्म की जरूरत होती है। कंपनियों समेत उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) के तहत रिटर्न भरने की जरूरत है, उनके लिए ITR-7 होता है।