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महंगी होती उच्‍च शिक्षा के लिए लें Education Loan, करें इन पांच बातों पर गौर

अपने बच्चों की उच्च शिक्षा का बजट जब जुट नहीं पाता तो एक ही उपाय सामने होता है और वह है एजुकेशन लोन (Education Loan)। इसे स्टूडेंट लोन भी कहते हैं।

By Sajan ChauhanEdited By: Updated: Sun, 26 May 2019 09:14 AM (IST)
महंगी होती उच्‍च शिक्षा के लिए लें Education Loan, करें इन पांच बातों पर गौर
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आज हर व्यक्ति के लिए क्वालिटी एजुकेशन लेना एक महत्वपूर्ण आवश्यक्ता बन गई है। वहीं, क्वालिटी एजुकेशन का खर्च दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। शिक्षा जगत की एक रिसर्च के अनुसार पढ़ाई में लगने वाला खर्च हर साल 15 फीसदी बढ़ जाता है। ऐसे में क्वालिटी एजुकेशन के लिए बजट जुटाना पैरेंट्स के लिए एक बड़ी परेशानी का सबब बन रहा है। अपने बच्चों की उच्च शिक्षा का बजट जब जुट नहीं पाता तो एक ही उपाय सामने होता है और वह है एजुकेशन लोन। इसे स्टूडेंट लोन भी कहते हैं। पिछले कई सालों से यह काफी लोकप्रिय हो रहा है। एजुकेशन लोन लेने के लिए पहली जरूरी बात होती है कि, आपका देश या विदेश में किसी वैध संस्था से मान्यताप्राप्त कॉलेज में एडमिशन तय हो गया हो।

एजुकेशन लोन लेते समय अक्सर लोग इसके कुछ खास पहलुओं से वाकिफ नहीं होते हैं और इसलिए बाद में उन्‍हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हमेशा हमें इस हिसाब से लोन लेना चाहिए कि हम इसका जल्दी से भुगतान कर सकें और ब्याज दरें भी अधिक ना हो। अक्सर देखा जाता है कि ग्राहक की थोड़ी सी लापरवाही उस पर कर्ज का भारी बोझ लाद देती है। आज हम आपको कुछ ऐसी महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहे हैं जिनका ध्यान आपको एजुकेशन लोन लेते समय जरूर रखना चाहिए।

पहले तय करें अपनी जरूरत:

कई बार लोग अपनी आवश्यकता से अधिक एजुकेशन लोन ले लेते हैं जो बाद में उनके लिए नासूर बन जाता है। बैंक और अन्य ऋणदाता ग्राहकों को हायर एजुकेशन के लिए 40 लाख रुपये तक ऑफर करते हैं। लेकिन, आप उतने रुपयों का ही लोन लें जितने की आपको जरूरत है। पहले अपने पाठ्यक्रम की लागत, बोर्डिंग और अन्य खर्चों की गणना करें फिर उसके हिसाब से ही लोन की राशि तय करें। यदि आपने सिर्फ इसलिए ज्यादा रुपयों का लोन ले लिया क्योंकि आप उधार ले सकते हैं, तो यह जान लें कि आपको इसे ब्याज के साथ चुकाना होगा जो बाद में आपका बजट गड़बड़ा देगा।

एजुकेशन लोन के ब्‍याज दरों की कर लें तुलना

एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करने से पहले एक बार इसके ब्‍याज दरों की तुलना जरूर कर लेना चाहिए। ऐसे कई बैंक, NBFC और P2P लेंडिंग प्लेटफॉर्म हैं जो एजुकेशन लोन उपलब्‍ध कराते हैं। इन सभी लेंडिंग प्लेटफॉर्म की एजुकेशन लोन पर ब्याद दर समान नहीं होती। आपको चाहिए कि आप उस लेंडिंग प्लेटफॉर्म से लोन लें जहां ब्याज दर कम से कम हो। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि, पुनर्भुगतान राशि कम हो और कम समय में समाप्त हो जाए। यदि आपने मार्केट विजिट नहीं की और सबसे पहले उपलब्ध विकल्प से ही समझौता कर लिया तो आप कम ब्याज दर पर लोन पाने से चूक सकते हैं।

लोन डॉक्यूमेंट्स को ठीक से पढ़ें

कई स्टूडेंट्स को पर्सनल फाइनेंस के संबंध में जानकारी नहीं होती है जिस कारण वे काफी महंगे लोन ले लेते हैं और बाद में उन्हें पता चलता है कि लोन में तो पाठ्यपुस्तक और बोर्डिंग जैसी चीजें कवर ही नहीं की गई है। इससे फिर पढ़ाई के दौरान ही उनका वित्तीय बोझ काफी बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए स्टूडेंट्स को लोन लेने से पहले डॉक्यूमेंट का फाइन प्रिंट जरूर पढ़ लेना चाहिए। लोन में कौन-कौन से खर्चे कवर किए जाएंगे इसके पूरे विवरण की जानकारी ले लेनी चाहिए। हमेशा यह सुनिश्चित करें कि, अगर आप महंगा एजुकेशन लोन खरीद रहे हैं तो यह कॉलेज की फीस के साथ ही पाठ्यपुस्तकों और बोर्डिंग आदि का खर्च भी कवर करता हो।

सही रीपेमेंट प्‍लान चुनें

लोन देते समय कर्जदाता स्टूडेंट्स को कई सारे पुनर्भुगतान के विकल्प दिखाते हैं। स्टूडेंट्स के पास न्यूनतम मासिक भुगतान के विकल्प से लेकर उच्चतम मासिक भुगतान करने तक के विकल्प होते हैं। ज्यादातर देखने में आया है कि स्टूडेंट्स न्यूनतम मासिक भुगतान का विकल्प चुनते हैं। लेकिन, हम आपको बता दें कि सबसे कम मासिक भुगतान के साथ भुगतान योजना में सबसे लंबे समय वाली भुगतान अवधि भी होती है, जिस कारण लोन पर कुल ब्याज बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। सबसे सही तरीका यह है कि हमेशा मासिक भुगतान के लिए ऐसी उच्चतम राशि तय करनी चाहिए जिसका भुगतान करना आपके लिए संभव हो। इससे आपकी कुल भुगतान की राशि तो कम होगी ही साथ ही आपका ब्याज पर लगने वाला खर्च भी कम होगा।

ऐसे कम करें कर्ज का बोझ

अगर हम एक-दो बातों का ध्यान रखें तो एजुकेशन लोन हमारे लिए बोझ नहीं बनेगा। सबसे पहले तो जब आप एजुकेशन लोन ले रहे हैं तो यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उस पैसे का खर्च शुद्द रूप से एजुकेशन के लिए ही हो। अर्थात यह पैसा कॉलेज की फीस और पाठ्य पुस्तकों के लिए खर्च हो। रहने इत्यादि के अन्य खर्चों के लिए आप पार्ट टाइम जॉब या बचत के अन्य माध्यमों का उपयोग करने का प्रयास करें। इससे आप पर से कर्ज का बोझ काफी हद तक कम होगा। 

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