इस तरह आप बचा सकते हैं 38,625 रुपये का इंकम टैक्स
इंकम टैक्स एक्ट की धारा 80DD के मुताबिक यदि किसी करदाता के परिवार में कोई आश्रित व्यक्ति विकलांग है तो वह 125,000 रुपए तक की आय को कर मुक्त श्रेणी में दिखा सकता है
इंकम टैक्स एक्ट की धारा 80DD के मुताबिक यदि किसी करदाता के परिवार में कोई आश्रित व्यक्ति विकलांग है तो वह 125,000 रुपए तक की आय को कर मुक्त श्रेणी में दिखा सकता है। यदि करदाता की सालाना आय 10 लाख रुपये से अधिक है तो इस पर बचने वाला टैक्स 38625 रुपये होगा। लेकिन इस कर छूट का लाभ लेने की अपनी कुछ शर्ते हैं।
फाइनेंनशियल एक्सपर्ट अंकित गुप्ता के मुताबिक कोई भी करदाता अपने ऊपर आश्रित विकलांग व्यक्ति के स्वास्थ्य संबंधी खर्चों के लिए 125,000 रुपए तक की आय को करमुक्त श्रेणी में दिखा सकता है। इसके लिए उसको इस पूरी रकम का खर्च करना भी जरूरी नहीं है। मसलन यदि पूरे साल में आश्रित व्यक्ति के ऊपर महज 5000 रुपए का भी खर्च क्यों न आया हो पर करदाता पूरी रकम को करमुक्त श्रेणी में दिखा सकता है।
विकलांगता के प्रतिशत के हिसाब से तय होती है करमुक्त आय की रकम:
इंकम टैक्स एक्ट के मुताबिक यदि करदाता पर आश्रित प्रतिशत की विकलांगता का प्रतिशत 40 फीसदी तक है तो उसको किसी भी तरह का कर लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन विकलांगता का प्रतिशत 40 से 80 फीसदी होने पर 75000 रुपये और 80 फीसदी से ज्यादा होने पर 125,000 रुपये की राशी पर यह लाभ मिलता है।
2- व्यक्ति की अक्षमता के आधार पर स्वास्थ्य विभाग उसकी विकलांगता की प्रतिशतता तय करता है और इससे संबंधी प्रमाणपत्र जारी करता है।
3- यह भी ध्यान देने वाली बात है कि वह व्यक्ति करदाता के परिवार यानी माता-पिता, पत्नी/पति, भाई-बहन और बच्चों में से ही होना चाहिए।
4- ऐसे में यदि आपकी सालाना आय 10 लाख रुपए से अधिक है और आप पर आश्रित व्यक्ति की विकलांगता का प्रतिशत 80 फीसदी से ज्यादा है तो आपको 125,000 रुपये तक की आय पर कर छूट का लाभ मिलेगा। इस पर आप कुल 38625 रुपये का टैक्स बचा सकते हैं।