गेमचेंजर बन सकती है लखपति दीदी योजना, पांच वर्षों में तीन गुना बढ़ी स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिला सदस्यों की आय
पीएम नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2023 को लालकिले से दिए गए भाषण में लखपति दीदी योजना की घोषणा की थी। केंद्र सरकार की इस योजना के तहत दो करोड़ महिलाओं को उद्यमिता से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाना है। देश में 85 लाख से ज्यादा पंजीकृत स्वयं सहायता समूहों से 9.2 करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई हैं और इनकी कमाई लगातार बढ़ रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़कर स्वरोजगार करने वाली महिलाओं की सालाना आय एक लाख रुपये करने की सरकार की योजना 'लखपति दीदी' देश की इकोनमी (खास तौर पर ग्रामीण इकोनमी) को मजबूत बनाने में एक गेमचेंजर बन सकती है। देश में 85 लाख से ज्यादा पंजीकृत एचएचजी से 9.2 करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई हैं और इनकी कमाई लगातार बढ़ रही है।
केंद्र व राज्य सरकारों की तरफ से इन्हें आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है। एसएचजी से जुड़ी महिलाओं की मौजूदा स्थिति, इनकी आय और इसके भविष्य पर एसबीआई की तरफ से सोमवार को एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट बताती है कि कैसे वर्ष 2027 तक देश के हर राज्य में लाखों लखपति दीदियां (सालाना एक लाख रुपये की आय वाली एसएचजी सदस्य) होंगी, जो न सिर्फ ग्रामीण इकोनमी को मजबूत बनाएंगी, बल्कि ये महिला उद्यमियों की नई परिभाषा गढ़ेंगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2023 को लालकिले से दिए गए अपने भाषण में केंद्र की लखपति दीदी योजना की घोषणा की थी। इसके तहत दो करोड़ महिलाओं को उद्यमिता से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाना है। इस वर्ष एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एसएचजी से जुड़ी महिला उद्यमियों की प्रशंसा की और तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने की घोषणा की।
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एसबीआई की रिपोर्ट से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2019 के मुकाबले वित्त वर्ष 2024 (2023-24) में एसएचजी से जुड़ी महिलाओं की आमदनी तीन गुना बढ़ी हैं। इस अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में 2.8 गुना, अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में 3.2 गुना, शहरी क्षेत्रों में 4.6 गुना और मेट्रो शहरों मे 3.62 गुना ज्यादा आमदनी होने लगी है। रिपोर्ट में आमदनी की राशि नहीं बताई गई है। इस रिपोर्ट को सभी एसएचजी के तहत खोले गए बैंक खाते में जमा होने वाली राशि के आधार पर तैयार किया गया है।