आपके बच्चे कर सकते हैं इंकम टैक्स बचाने में आपकी मदद, ये हैं प्रावधान
इंकम टैक्स रिटर्न फाइल करने महज 31 दिनों का समय बाकी है। ज्यादा तक रिटर्न फाइल करने वाले लोग जो कर सीमा में आते हैं इस वक्त टैक्स बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं
इंकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई में महज 3 दिनों का समय बाकी है। ज्यादातर रिटर्न फाइल करने वाले लोग जो कर सीमा में आते हैं इस वक्त टैक्स बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं। आयकर कानून में कर बचाने संबंधी तमाम ऐसे प्रावधान हैं जो सामान्य करदाता को नहीं पता होते हैं। थोड़ी सी जानकारी करदाता को बड़ा फायदा करा सकती है।
Jagran.com के इस आर्टिकल में हम अपने टैक्स एक्सपर्ट अंकित गुप्ता की मदद से यह बताने जा रहे हैं कि कैसे एक करदाता अपने बच्चों पर किए जाने वाले खर्च से अपना टैक्स बचा सकते हैं।पढ़े, ऐसे पता कीजिए कितने दिनों में डबल हो जाएगा आपके निवेश का पैसा
इन धाराओं से करदाता बचा सकता है अपना टैक्स
• करदाता आयकर कानून की धारा 80 C के अंतर्गत मिलने वाली 150,000 रुपये तक की छूट को अपने बच्चों की ट्यूशन फीस के जरिए भी ले सकता है। यह ट्यूशन फीस स्कूल की फीस का एक हिस्सा होता है। ध्यान रहे यह फीस भारत के किसी संस्थान में ही जमा की गई हो।
• करदाता सेक्शन 80 E के अंतर्गत बच्चे के एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज के बराबर राशि पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। यह लोन भारत के किसी बैंक या चैरिटेबल ट्रस्ट से लिया गया हो। ध्यान दें ब्याज की जितनी राशि करदाता चुकाता है उतनी पूरी राशि पर उसका कर छूट का लाभ मिलता है, इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं होती है।
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• सेक्शन 80 D के अंतर्गत कोई भी करदाता 25,000 रुपये तक की राशि पर करछूट का लाभ आश्रित बच्चे के मेडिकल इंश्योरेंस का प्रीमियन जमा करने पर ले सकता है।
• इंकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 C के अंतर्गत करदाता बच्चे के नाम से पीपीएफ खाते में राशि जमा कर कर छूट का लाभ ले सकता है।
• सेक्शन 80 DDB के प्रावधान के मुताबिक कोई भी करदाता अपने पर आश्रित बच्चे के स्वास्थ्य संबंधी खर्चे के लिए 40,000 रुपये तक की आय पर करछूट का लाभ ले सकता है।