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ITR समय पर फाइल नहीं करने पर लगता है 10,000 रुपये तक का जुर्माना, जानें कब-कब बढ़ी जुर्माने की राशि

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष) का इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 10 जनवरी 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है। अमूमन आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा 31 जुलाई होती है।

By Ankit KumarEdited By: Updated: Sat, 02 Jan 2021 07:51 AM (IST)
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30 दिसंबर, 2020 तक 4.73 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल हो चुके हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष) का इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 10 जनवरी, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है। अमूमन आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा 31 जुलाई होती है लेकिन इस साल कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए पिछले वित्त वर्ष का आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा को पहले 30 नवंबर और फिर 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ाया गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि 10 जनवरी, 2021 तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर क्या होगा।  

अगर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड 10 जनवरी, 2021 के बाद समयसीमा को नहीं बढ़ाता है तो आपको लेट फीस के साथ आईटीआर फाइल करना होगा। टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन बताते है कि तय समयसीमा के बाद 31 मार्च, 2021 तक 10,000 रुपये तक के जुर्माने के साथ आईटीआर भरा जा सकेगा। हालांकि, सालाना आमदनी पांच लाख रुपये से कम होने पर 1,000 रुपये का लेट फीस देय होगा।  

आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक सालाना 2.5 लाख रुपये तक की आमदनी वाले 60 साल से कम आयु के लोगों को अनिवार्य रूप से इनकम टैक्स रिटर्न भरना होता है। वहीं, 60 से 80 साल के आयु के लोगों के लिए यह सीमा पांच लाख रुपये की है। 

उल्लेखनीय है कि तय समयसीमा के बाद आईटीआर दाखिल करने पर जुर्माने की राशि को केंद्र सरकार ने इसी साल पांच हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया है। उल्लेखनीय है कि आयकर अधिनियम की धारा 234 (F) के तहत विलंब शुल्क लगाने की घोषणा 2017 के बजट में हुई थी। इसे वित्त वर्ष 2017-18 या आकलन वर्ष 2018-19 के लिए प्रभावी बनाया गया था। 

इसी बीच आयकर विभाग ने ट्वीट कर कहा है कि 30 दिसंबर, 2020 तक 4.73 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल हो चुके हैं। विभाग ने लोगों से जल्द-से-जल्द अपना आईटीआर फाइल करने को कहा है।